फाइल फोटो
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अदालत की निगरानी में फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन के साथ राफेल लड़ाकू जेट विमान सौदे की जांच की मांग वाली चार याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. सरकार ने स्वीकार किया कि फ्रांस की सरकार ने सौदे का समर्थन करने की कोई स्वायत्त गारंटी नहीं दी है. अदालत ने विमान की कीमत के मसले को लेकर याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए विवाद का महान्यायवादी केके वेणुगोपाल को तब तक जवाब नहीं देने को कहा जब तक अदालत इसकी जांच करने का फैसला नहीं करती है. सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के. एम. जोसेफ की पीठ ने कहा, "कीमत पर चर्चा तभी होगी जब हम फैसला करेंगे." महान्यायवादी ने राफेल सौदे की न्यायिक समीक्षा का भी विरोध किया. उन्होंने कहा कि अगर हथियार और विमान की कीमतें सार्वजनिक की जाएंगी तो दुश्मनों को राफेल विमान में लगे हथियारों का पता चल जाएगा.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का दावा- राफेल सौदे की जांच में सामने आएंगे मोदी और अंबानी के नाम
विमानों की कीमत को सार्वजनिक नहीं किए जाने का बचाव करते हुए अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि 2016 की विनिमय दर के अनुसार एक राफेल जेट की लागत 670 करोड़ रुपये थी और "पूरी तरह से सुसज्जित" विमान की कीमत का खुलासा होने से "विरोधियों को लाभ" हो सकता है. याचिकाकर्ताओं की इस दलील पर कि संसद को दो बार मूल्य की जानकारी दी गयी है, वेणुगोपाल ने कहा कि "हम कहते रहे हैं कि संसद को भी जेट की पूरी लागत के बारे में नहीं बताया गया है."
सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा- राफेल डील की समीक्षा करना कोर्ट का नहीं, विशेषज्ञों का काम
याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया था कि इस सौदे के लिए फ्रांस ने कोई सरकारी गारंटी नहीं दी है. इस आरोप पर अटार्नी जनरल ने स्वीकार किया कि कोई सरकारी गारंटी नहीं दी गई है लेकिन कहा कि फ्रांस ने सहूलियत पत्र दिया है जो सरकारी गारंटी की तरह ही है. वेणुगोपाल ने कहा कि न्यायालय यह फैसला करने के लिए सक्षम नहीं है कि कौन सा विमान और कौन से हथियार खरीदे जाएं क्योंकि यह विशेषज्ञों का काम है.
राफेल डील पर क्या कहते हैं रक्षा मामलों को कवर करने वाले पत्रकार अजय शुक्ला
इनपुट : भाषा
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याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया था कि इस सौदे के लिए फ्रांस ने कोई सरकारी गारंटी नहीं दी है. इस आरोप पर अटार्नी जनरल ने स्वीकार किया कि कोई सरकारी गारंटी नहीं दी गई है लेकिन कहा कि फ्रांस ने सहूलियत पत्र दिया है जो सरकारी गारंटी की तरह ही है. वेणुगोपाल ने कहा कि न्यायालय यह फैसला करने के लिए सक्षम नहीं है कि कौन सा विमान और कौन से हथियार खरीदे जाएं क्योंकि यह विशेषज्ञों का काम है.
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इनपुट : भाषा
डिस्क्लेमर : अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप ने NDTV पर राफेल सौदे की कवरेज को लेकर 10,000 करोड़ रुपये का मुकदमा किया है.
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