26 जनवरी को गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर पहली बार केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) की झांकी राजपथ (Rajpath) पर होगी. केंद्रीय बल के जवान झांकी में ठीक उसी तरह का चश्मा पहने दिखेंगे जिस तरह के चश्मे का इस्तेमाल संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना ने कुख्यात आतंकी ओसामा बिन लादेन को खत्म करने के ऑपरेशन में किया था. इस युद्धक उपकरण की मदद से जवान रात में भी देख सकते हैं. इसे नाइट विजन गॉगल्स (NVG) कहा जाता है. सीआरपीएफ के जवान आतंक और नक्सल निरोधी कार्रवाई में इसका इस्तेमाल करते हैं.
CRPF के सूत्रों ने दावा किया कि यह पहली बार होगा जब भारत का सबसे बड़ा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल युद्धक गैजेट का प्रदर्शन करेगा. इस काले चश्मे को ''नाइट विज़न का राजा'' भी कहा जाता है. राजपथ पर प्रदर्शित होने वाली सीआरपीएफ कमांडो की पहली झांकी में यह आकर्षण का केंद्र होगा.
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विशेष रूप से सुसज्जित ये चश्मे रात में कमांडो को 120 डिग्री की दृष्टि प्रदान करते हैं, मानो जैसे वे खुली आंखों से देख रहे हों. ये हल्के होते हैं और इसे रात में ऑपरेशन के दौरान हेलमेट पर पहना जा सकता है.
सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "चार-दृष्टि वाली नाइट गॉगल्स का इस्तेमाल अमेरिकी नौसेना की जवानों सहित विभिन्न सैन्य बलों द्वारा किया जाता है. ये कमांडो इस गॉगल्स की मदद से बहुत आसानी से अंधेरे में भी लक्ष्य को पहचान सकते हैं." हालांकि, उन्होंने कहा कि यह उसी प्रकार का गॉगल नहीं है जिसका उपयोग अमेरिकी नौसेना द्वारा किया गया था.
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अमेरिकी नौसेना के पूर्व मुख्य विशेष युद्ध संचालक मैट बिस्सोनेट ने अपनी पुस्तक "नो ईज़ी डे" में काले चश्मे से दिखने वाले दृश्य को "टॉयलेट पेपर ट्यूबों के माध्यम से देखने जैसा" वर्णित किया है. इस नाइट विजन गॉगल्स के अलावा, आगामी गणतंत्र दिवस पर CRPF की पहली झांकी में गनशॉट डिटेक्शन सिस्टम और वीपन माउंटर थर्मल विजन जैसे कई अन्य उपकरणों का भी प्रदर्शन किया जाएगा.
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