सुखपाल खैराल ने इस्तीफा दिया
नई दिल्ली: पंजाब में आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है. पार्टी से निलंबित चल रहे विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. खैरा ने अपना इस्तीफा दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर दी है और कई आरोप भी लगाए हैं. बता दें कि बीते कुछ समय पहले सुखपाल खैरा आप नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी थी और उनको पार्टी से निलंबित कर दिया गया था. हालांकि, सुखपाल खैरा कुछ विधायकों को साथ लेकर केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ बवागत तेज कर दी थी. हालांकि, एचएस फुल्का के बाद सुखपाल खैरा का इस्तीफा, लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी के लिहाज से सही नहीं है.
आम आदमी पार्टी ने बागी नेता सुखपाल सिंह खैरा को पार्टी से निलंबित किया, यह है वजह
सुखपाल सिंह खैरा ने आरोप लगाया कि पार्टी उस विचारधारा एवं सिद्धांतों से “पूरी तरह भटक चुकी” है जिनके आधार पर अन्ना हजारे आंदोलन के बाद उसका गठन हुआ था. पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते पिछले साल नवंबर में पार्टी से निलंबित किए गए खैरा ने अपना त्यागपत्र आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को भेज दिया है. बोलाथ से विधायक ने अपने त्यागपत्र में कहा, “देश की पांरपरिक पार्टियों की वर्तमान राजनीतिक संस्कृति बुरी तरह बिगड़ चुकी है जिसके चलते आप के गठन से बहुत उम्मीदें जगीं थीं.” खैरा ने कहा, “दुर्भाग्य से पार्टी में शामिल होने के बाद मैंने महसूस किया कि आप का पदक्रम भी पारंपरिक केंद्रीकृत राजनीतिक पार्टियों से अलग नहीं है.” पिछले साल जुलाई में पंजाब विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाए जाने के बाद से वह आप नेतृत्व के मुखर आलोचक रहे हैं.
बता दें कि हाल ही में एचएस फुल्का ने आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दिया है. सुखपाल खैरा आम आदमी पार्टी के पंजाब के नेता विपक्ष रह चुके हैं और भोलाथ से विधायक हैं. ऐसा माना जा रहा है कि सोमवार को अपनी नई पार्टी बनाने का ऐलान कर सकते हैं. देखना होगा खैरा के साथ AAP के कितने विधायक पार्टी छोड़ेंगे. फ़िलहाल खैरा 5-6 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं.
दरअसल, पिछले साल यानी नवंबर 2018 में आम आदमी पार्टी (आप) ने असंतुष्ट नेताओं में से बागी तेवर अपनाने वाले सुखपाल सिंह खैरा और कंवर संधू को कथित रूप से ‘पार्टी विरोधी गतिविधियों' में लिप्त रहने के लिए शनिवार को पार्टी से निलंबित कर दिया था. आम आदमी पार्टी का तर्क था कि खैरा लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे और लगातार केंद्रीय और प्रदेश पार्टी नेतृत्व को निशाना बना रहे थे.
आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई में बगावत, नेताओं ने बनाई अलग पीएसी
आप से अपने निलंबन पर प्रतिक्रिया में सुखपाल खैरा ने इस निर्णय को ‘‘तानाशाही'' बताया था और कहा था कि वह विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे और आगे के कदम पर निर्णय करेंगे. खैरा खेमा आप की पंजाब इकाई के लिए स्वायत्तता की मांग करता रहा है. इस खेमे को कुछ आप विधायकों का समर्थन हासिल है. विद्रोही नेतृत्व ने इस अगस्त में पंजाब के लिए अपनी आठ सदस्यीय अस्थायी राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) की घोषणा की थी. खैरा ने दो अगस्त को बठिंडा में हुए विद्रोहियों के एक सम्मेलन में आप की पंजाब इकाई के सांगठनिक ढांचे को भंग करने की भी घोषणा की थी.
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