पंजाब सरकार ने जनवरी में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली में गिरफ्तार किए गए 83 लोगों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की है. वहीं इस कदम से पंजाब की कांग्रेस सरकार और केंद्र सरकार के बीच एक नया विवाद शुरू होने की संभावना है. विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा के किसान तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में एक साल से दिल्ली के आसपास डेरा डाले हुए हैं. उनका कहना है कि केंद्र सरकार इन कानूनों के जरिए कृषि क्षेत्र का नियंत्रण निजी हाथों में दे देंगे. वहीं केंद्र ने इस आरोपों का खंडन किया है और कानूनों में संशोधन पर सहमति भी जताई है, लेकिन किसान कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
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बता दें कि इस साल 26 जनवरी को दिल्ली पुलिस और किसान नेताओं के बीच बातचीत के बाद कुछ रूटों पर किसानों की ट्रैक्टर रैली की इजाजत दी गई थी. हालांकि, पुलिस को चकमा देकर बड़ी संख्या में किसान लाल किले पर पहुंच गए, जिसके बाद स्थिति अराजकता में बदल गई. पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने पूर्व निर्धारित मार्ग का पालन नहीं किया और दिल्ली में प्रवेश करने के लिए बैरिकेड्स तोड़ दिए. उन्होंने लाल किले में भी प्रवेश किया और इस पर चढ़कर झंडे फहराए.
उस दिन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अराजकता और हिंसा के अभूतपूर्व दृश्य देखने को मिला, क्योंकि किसानों के जत्थे पुलिस और सुरक्षा बलों से भिड़ गए थे. वीडियो में, लगभग एक दर्जन पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवानों को लाठी चलाने वाले हमलावरों की भीड़ से बचने के लिए लाल किला परिसर में 15 फुट की दीवार पर कूदने के लिए मजबूर किया गया था.
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने एक ट्वीट करते हुए पुष्टि की कि उनकी सरकार दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों को मुआवजा देगी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "तीन काले कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के विरोध का समर्थन करने का मेरी सरकार के रुख को दोहराते हुए हमने 26 जनवरी, 2021 को राष्ट्रीय राजधानी में ट्रैक्टर रैली करने के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 83 लोगों को 2 लाख रुपये मुआवजा देने का फैसला किया है."
Reiterating My Govt's stand to support the ongoing #FarmersProtest against three black farm laws, We have decided to give Rs 2 lakh compensation to 83 people arrested by Delhi Police for carrying out a tractor rally in the national capital on 26th January, 2021.
— Charanjit S Channi (@CHARANJITCHANNI) November 12, 2021
पंजाब सरकार किसानों का लगातार समर्थन करती नजर आ रही है. राज्य को लगता है कि तीन कानून उनके किसानों के लिए उपयोगी नहीं हैं. जिनका प्रभाव विधानसभा में कानून पास कर कम किया जा सकता है.
पंजाब का आरोप है कि कृषि उपज मार्केटिंग समितियां या मंडियां निजी मंडियां बन जाएंगी और इससे राज्य सरकार को वित्तीय नुकसान होगा, जिससे ग्रामीण विकास को भी नुकसान पहुंचेगा. हालांकि, केंद्र का कहना है कि नए कानून किसानों के हित में हैं और इसके जरिए उन्होंने बिचौलियों को खत्म कर दिया है.
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