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This Article is From Jan 09, 2017

पंजाब विधानसभा चुनाव : शह-मात के खेल में इन दिग्‍गजों के दांव पर सबकी नजर...

पंजाब विधानसभा चुनाव : शह-मात के खेल में इन दिग्‍गजों के दांव पर सबकी नजर...
अबकी बार के चुनावों में मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है.
नई दिल्‍ली: कांग्रेस ने आज अपना घोषणापत्र जारी करने के साथ ही कैप्‍टन अमरिंदर सिंह पर भरोसा जताते हुए उनके नेतृत्‍व में चुनावी खम ठोक दिया है. दूसरी तरफ शिरोमणि अकाली दल(शिअद)-भाजपा गठबंधन लगातार तीसरी बार सत्‍ता में वापसी की राह देख रहा है. वैसे तो परंपरागत रूप से पंजाब में मामला शिअद-बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधे तौर पर होता था लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में राज्‍य की 13 में से चार लोकसभा सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी(आप) ने अपनी दमदार उपस्थिति का परिचय दिया है. आप ने भी युवाओं, किसानों के लिए अलग-अलग घोषणापत्र जारी किए हैं. इस लिहाज से माना जा रहा है कि अबकी बार मुकाबला त्रिकोणीय होगा. राज्‍य की 117 सीटों पर चार फरवरी को मतदान होगा. आइए इस पृष्‍ठभूमि में इन दलों की मौजूदा स्थिति पर एक नजर डालते हैं :

शिरोमणि अकाली दल
बीजेपी के साथ गठबंधन कर लगातार 10 सालों से राज्‍य की सत्‍ता में है. ऐसे में तीव्र सत्‍ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ेगा. अबकी बार विकास के कार्ड के सहारे चुनाव में जाने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस और आप पर 'सिख विरोधी' और 'पंजाब विरोधी' होने का आरोप लगाती है. हालांकि विपक्ष पार्टी के एक वरिष्‍ठ मंत्री के ड्रग रैकेट के साथ संबंध का आरोप लगाता है. पार्टी के भीतर बगावत के सुर भी उठे हैं और छह विधायक या तो कांग्रेस खेमे में गए हैं या निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
parkash singh badal
इस वक्‍त देश के सर्वाधिक उम्रदराज सीएम हैं

मुख्‍यमंत्री प्रकाश सिंह बादल (89) पांचवीं बार राज्‍य के मुख्‍यमंत्री हैं. इस वक्‍त देश के सर्वाधिक उम्रदराज सीएम. सत्‍ता विरोधी लहर से निपटने के लिए चुनावी रणनीति बनानी होगी. उनके बेटे और पंजाब के उपमुख्‍यमंत्री सुखबीर बादल(54) पार्टी का शहरी चेहरा हैं. यदि पार्टी सत्‍ता में लौटती है तो पिता की बढ़ती उम्र के चलते सरकार में मुख्‍य भूमिका में आना पड़ सकता है.

कांग्रेस
पिछले 10 वर्षों से राज्‍य की सत्‍ता से बाहर है. सत्‍तारूढ़ शिअद-बीजेपी गठबंधन के खिलाफ सत्‍ता विरोधी लहर का पूरा लाभ लेने की कोशिश करेगी. हालांकि इसको आक्रामक आप की चुनौती से भी निपटना होगा. हालांकि पार्टी का प्रचार पूरी तरह से कैप्‍टन अमरिंदर सिंह(74) के इर्द-गिर्द बुना जा रहा है. 2014 लोकसभा चुनाव और उसके बाद के कई विधानसभा चुनावों में लगातार पराजय का सामना कर रही कांग्रेस, कैप्‍टन के भरोसे राज्‍य में सत्‍ता में वापसी के मूड में है.

आप
राज्‍य में सबसे पहले चुनाव प्रचार आरंभ किया. यदि सत्‍ता में पार्टी आती है तो अरविंद केजरीवाल का कद राष्‍ट्रीय क्षितिज पर बढ़ेगा. आप को दिल्‍ली से बाहर विस्‍तार का मौका मिलेगा. लेकिन पार्टी पर 'बाहरी' होने का ठप्‍पा भी अन्‍य दल लगा रहे हैं. राज्‍य में संगठन के मुद्दे और टिकट चाहने वालों के बागी होने का असर पार्टी पर पड़ सकता है.

बीजेपी
राज्‍य में शिअद की सहयोगी. पिछली बार केवल 23 सीटों पर लड़ी थी. अबकी बार पार्टी के प्रमुख नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने चुनाव से पहले पार्टी छोड़ दी. उनके कांग्रेस के शामिल होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं. इससे पार्टी पर असर पड़ने के आसार हैं. हालांकि हालिया चंडीगढ़ निकाय चुनाव में पार्टी को सफलता मिली.

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