जम्मू-कश्मीर के पुलवामा (Pulwama Terror Attack) में हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए. सीआरपीएफ़ (Central Reserve Police Force) के काफिले पर जिस वक्त ये हमला हुआ करीब 2500 जवान काफ़िले में थे. फिदायीन हमलावर ने 350 किलो विस्फोटक सामग्री से लदी गाड़ी जवानों से भरी बस से भिड़ा दी. इस हमले की गंभीरता इसलिए भी बढ़ जाती है, क्योंकि पहली बार घाटी में मानव बम का इस्तेमाल हुआ. जैश-ए मोहम्मद ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है. सूत्रों ने बताया कि इससे 2 दिन पहले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने कश्मीर में आत्मघाती हमले की चेतावनी दी थी. हमले के तरीके की तरफ इशारा करते हुए जैश ने एक वीडियो ऑनलाइन अपलोड किया था. वीडियो में अफगानिस्तान में एक हमला दिखाया गया था, जिसमें विस्फोटकों से भरे वाहन का इस्तेमाल किया गया था.
यह भी पढ़ें: 43 बसें, 2500 जवानों का काफिला और 350 किलो विस्फोटक, घात लगाए आतंकी ने कार से मारी टक्कर, पुलवामा हमले की 10 बातें
बता दें कि खुफिया एजेंसी ने 8 फरवरी को IED हमले का अलर्ट जारी किया था. सुरक्षा एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया था कि किसी भी जगह पर तैनाती से पहले पूरे इलाके को अच्छी तरह से सुरक्षित कर लिया जाए, क्योंकि ऐसी सूचना मिली है कि IED का इस्तेमाल हमले के लिए किया जा सकता है.
यह भी पढ़ें: Pulwama Terror Attack: पीएम मोदी ने की NSA अजीत डोभाल से बात, कहा- व्यर्थ नहीं जाएगा जवानों का बलिदान
उधर, अधिकारियों ने आशंका जताई है कि पुलवामा जिले में बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवानों की आवाजाही के बारे में आतंकवादियों को जानकारी मिली होगी, जिसके बाद उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है. हमले के समय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 2,500 से अधिक जवान घाटी में अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए लौट रहे थे. इनमें से ज्यादातर छुट्टियों के बाद वापस लौट रहे थे. ये जवान 78 वाहनों के काफिले में लौट रहे थे इसी दौरान दक्षिण कश्मीर के अवंतीपुरा में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर यह हमला हुआ. सामान्यत: लगभग 1 हजार जवान एक काफिले का हिस्सा होते हैं, लेकिन इस बार यह संख्या 2,547 थी.
यह भी पढ़ें: Pulwama Attack: आक्रोशित कुमार विश्वास ने कहा- सियारों का झूंड शांतिमंत्र नहीं समझता, दुश्मनों को घर में घुसकर मारिए
अधिकारियों ने बताया कि मानक संचालन प्रक्रियाओं के उल्लंघन की बात से इनकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने बताया कि खामियों की स्पष्ट तस्वीर व्यापक जांच के बाद ही साफ हो सकेगी. एक सुरक्षा अधिकारी ने आशंका जताई, 'सैनिकों की इतनी बड़ी आवाजाही को बहुत सारे लोग जानते होंगे. इस जानकारी के आतंकवादियों तक पहुंचने की आशंका है.' उन्होंने बताया कि इसके अलावा, घाटी जाने वाले कर्मियों की संख्या अधिक थी, क्योंकि खराब मौसम और अन्य प्रशासनिक कारणों से राजमार्ग पर पिछले दो से तीन दिनों से कोई आवाजाही नहीं थी. उन्होंनें बताया कि संबंधित एजेंसियां सभी पहलुओं से हमले की जांच करेगी.
VIDEO: जम्मू कश्मीर में CRPF काफिले पर आतंकी हमला, 40 जवान शहीद
साथ में: मुकेश सिंह सेंगर
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं