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This Article is From Feb 16, 2019

Pulwama Attack:मुंबई के नालासोपारा में जनता का भड़का गुस्सा, रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन से ट्रेनों का संचालन ठप

पुलवामा हमले के विरोध में देश की जनता में उबाल है. लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. मुंबई में आक्रोशित लोगों ने नालासोपारा रेलवे स्टेशन पर रेल ट्रैक ही जाम कर दिया.

Pulwama Attack:मुंबई के नालासोपारा में जनता का भड़का गुस्सा, रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन से ट्रेनों का संचालन ठप
पुलवामा में आतंकी हमले के विरोध में मुंबई के नालासोपारा रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन करते लोग.
नई दिल्ली:

पुलवामा हमले के विरोध में देश की जनता में उबाल है. लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. मुंबई में आक्रोशित लोगों ने नालासोपारा रेलवे स्टेशन पर रेल ट्रैक ही जाम कर दिया. प्रदर्शनकारी सुबह करीब 8.20 बजे ट्रैक पर पहुंचे और पाकिस्तान विरोधी नारे लगाने लगे. रेलवे अफसरों के मुताबिक ट्रैक पर प्रदर्शन से रेल आवागमन बाधित हो गया. वेस्टर्न रेलवे ने अपने एक ट्वीट में कहा- कुछ प्रदर्शनकारियों ने नालासोपारा में रेलवे ट्रैक बाधित कर दिया, जिससे ट्रेनों का संचालन बाधित हुआ. जीआरपी और आरपीएफ की ओर से आवागमन सुचारु रूप से शुरू कराने के लिए कोशिश की जा रही है. वेस्टर्न रेलवे के मुख्य प्रवक्ता रविंदर भाकर ने कहा, ‘‘नालासोपारा और विरार स्टेशनों के बीच ट्रेन नहीं चल रही है जबकि वसई से चर्चगेट के बीच सेवाएं सामान्य हैं. प्रदर्शनरत भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों को बुलाया गया है.''प्रदर्शनकारियों ने ‘भारत माता की जय' के नारे लगाए. उन्होंने पुलवामा आतंकवादी हमले को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ नारे भी लगाए और आतंकवादी तथा आतंकवादी समूहों को शरण देने के लिए पड़ोसी देश के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.प्रवक्ता ने कहा, ‘‘प्रदर्शन से लंबी दूरी की ट्रेनों पर भी असर पड़ सकता है.''

विस्फोट से 80 मीटर दूर गिरा जवान का शव
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की शुरुआती जांच में कई नई चीजें सामने आईं हैं. विस्फोट में आरडीएक्स का इस्तेमाल हुआ. पहले कहा जा रहा था कि विस्फोटक की मात्रा करीब साढ़े तीन सौ किलो थी, मगर अब जांच में सामने आया है कि मात्रा 30 से 35 किलो थी.ऐसा धमाका 2001 के बाद पहली बार कश्मीर में हुआ.  2001 में कश्मीर विधानसभा के गेट पर आईडी धमाका हुआ था, जिसमे करीब 30 लोग मारे गये थे.इस आईडी को किसी एक्सपर्ट ने तैयार किया था जो बहुत ही घातक था. इसका असर इतना था कि सीआरपीएफ जवानों से भरी बस के परखच्चे उड़ गए. 

बस जमीन से उछलकर 30 मीटर दूर जा गिरी और  पीछे के मजबूत हिस्से के टुकड़े टुकड़े हो गए. वहीं एक जवान का शव 80 मीटर दूर जा गिरा. विस्फोटक की तीव्रता इतनी थी कि धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी.  विशेषज्ञ मान रहे हैं कि इस आतंकी हमले में जिस तरह मानव बम का इस्तेमाल हुआ है वो बहुत ही खतरनाक ट्रेंड है, इस तरह की चुनौती से निपटना आसान नहीं है.जो भी आतंकी मानव बम बना, उसका बहुत ब्रेनवॉश किया गया होगा. आशंका है कि इस बड़े हमले की योजना में और भी कई लोग शामिल हैं. संदिग्ध लोगों से पूछताछ जारी है.धमाके वाली जगह से एजेंसियों की जांच जारी है. आस पास के लोगों से पूछताछ और सीसीटीवी को भी खंगाला जा रहा है.हमले में जैश के आतंकी ही शामिल है और आशंका जताई जा रही है कि इसमें दूसरे आतंकी संगठनों ने मदद की हो.

क्या हुए खुलासे
जिस कार से टक्कर मारी गई थी, वह एसयूवी नहीं एक कार थी, जिसमें विस्फोटक भरे हुए थे. सूत्रों से यह जानकारी मिली है. पहले कहा जा रहा था कि साढ़े तीन सौ किलो आरडीएक्स मौजूद था, उसकी मात्रा 60 किलो थी. तीसरी बात सामने आए कि सीआरपीएफ की को बाईं ओर से ओवरटेक कर विस्फोट किया गया.बता दें कि जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा (Pulwama Blast) में अवन्तीपुरा के गोरीपुरा इलाके में उस वक्त गुरुवार को हमला हुआ, जब सीआरपीएफ (CRPF)  का काफिला गुजर रहा था.सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले में करीब 350 किलो IED (Improvised Explosive Device) का इस्तेमाल हुआ. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) ने हमले की जिम्मेदारी ली और इसे आत्मघाती बताया. फिलहाल 42 जवानों के शहीद होने की आधिकारिक रूप से पुष्टि हुई है. रक्षा अधिकारी ने हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई है.

 

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