पुलवामा में हुआ आतंकी हमला उड़ी में हुए हमले से ज्यादा विनाशकारी, उड़ी में सितंबर 2016 में हुए हमले में 19 जवान शहीद हो गए थे. तब चार आतंकियों ने सीआरपीएफ के कैंप को निशाना बनाया था. जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए भीषण आतंकी हमले के चंद घंटे बाद ही केद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के बयान के साथ राजनीतिक बहस शुरू हो गई है.
इस दुखद हमले को लेकर पार्टी लाइन से हटकर दुख व्यक्त करने के लिए नेता एकजुट हुए. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कुछ ऐसी टिप्पणियां कर दीं जो कश्मीर घाटी के नेताओं को नागवार गुजरीं और फिर प्रतिक्रियाएं आने लगीं.
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में जितेंद्र सिंह ने कहा, "यह एक नृशंस कृत्य है. मंत्री ने एएनआई के हवाले से कहा, "मैं भारत में रहने वाले और खुद को मुख्यधारा के कश्मीरी राजनेता बताने वाले लोगों से पूछता हूं, जिनकी इन आतंकवादी गतिविधियों पर माफी मांगने की प्रवृत्ति है. यह प्रायोजित आतंकी गतिविधियां भारत की भूमि पर चलाई जा रही हैं.
Jitendra Singh,MoS PMO: It's a dastardly act done out of desperation. I call to question those who while living in India&describing themselves as mainstream Kashmir politicians tend to be apologetic about these terror activities sponsored from across Indian soil. #PulwamaAttack pic.twitter.com/5ESBQZ5niS
— ANI (@ANI) February 14, 2019
उनकी टिप्पणी पर कश्मीर के मुख्यधारा के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. इस पर ट्विटर पर आपस में अक्सर झगड़ने वाले प्रतिद्वंदी पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती, दोनों ने खुद को सिंह के निशाने पर पाया.
अब्दुल्ला की तीखी टिप्पणी आई. महबूबा, जो कि पिछले जून तक बीजेपी के साथ गठबंधन में सहयोगी थीं, ने भी तीखी प्रतिक्रिया जताई.
This man is a disgrace. Not one word of sympathy for the families of the dead & injured soldiers but he has time to tweet not once but twice to attack me. These are the people our country relies on to keep us safe. #Shame https://t.co/mqnypnWVN1
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) February 14, 2019
महबूबा मुफ्ती ने जवाब दिया. "PMO के राज्यमंत्री के रूप में विवेकपूर्ण समझ आवश्यक है. आप सुरक्षा चूक के बारे में पूछताछ करें. इसके बजाय आप इसे हमें घेरने के अवसर के रूप में उपयोग कर रहे हैं. गलती के कारण समस्या होने का पता चलने पर हमें क्यों बदनाम कर रहे?"
I beg to differ. As MoS PMO, prudence deems it necessary that you enquire about the security lapse. Instead you re using it as an opportunity to berate us . No regard for solemnity of the occasion. Why discredit us when the fault lies in your refusal to address the problem? https://t.co/EfpODhg9O1
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 14, 2019
हमले के बाद, अधिकांश दलों के नेताओं ने अपनी पीड़ा व्यक्त की और प्रभावित परिवारों के साथ एकजुटता का संदेश दिया.
Attack on CRPF personnel in Pulwama is despicable. I strongly condemn this dastardly attack. The sacrifices of our brave security personnel shall not go in vain. The entire nation stands shoulder to shoulder with the families of the brave martyrs. May the injured recover quickly.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 14, 2019
सरकार ने सख्त कार्रवाई का वादा किया है. एक ट्वीट में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सुरक्षा कर्मियों का बलिदान "व्यर्थ नहीं जाएगा."
VIDEO : पहली बार लोकल फिदायीन का हमला
केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट किया, "आतंकवादियों को उनके जघन्य कृत्य के लिए अविस्मरणीय सबक दिया जाएगा."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं