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This Article is From Oct 26, 2015

आय से अधिक संपत्ति मामले में कांग्रेस नेता और हिमाचल के सीएम वीरभद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ीं

आय से अधिक संपत्ति मामले में कांग्रेस नेता और हिमाचल के सीएम वीरभद्र सिंह की मुश्किलें बढ़ीं
वीरभद्र सिंह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में कांग्रेस नेता और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के नाम नोटिस जारी किया। अदालत ने वीरभद्र से इस बारे में जवाब मांगा है कि इस मामले को हिमाचल उच्च न्यायालय से राज्य के बाहर की किसी अदालत में क्यों नहीं स्थानांतरित कर दिया जाए।

न्यायमूर्ति एफएमआई कलीफुल्ला और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की पीठ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की उस याचिका की सुनवाई के दौरान नोटिस जारी किया जिसमें एजेंसी ने हिमाचल उच्च न्यायालय द्वारा वीरभद्र सिंह और उनकी पत्नी से पूछताछ और गिरफ्तार न करने के आदेश को चुनौती दी गई है। नोटिस का जवाब 5 नवंबर तक देना है।

उच्च न्यायालय ने 1 अक्टूबर 2015 के अपने फैसले में सीबीआई को वीरभद्र सिंह और प्रतिभा सिंह को गिरफ्तार नहीं करने के लिए कहा था। अदालत ने एजेंसी को मामले की जांच जारी रखने की अनुमति दी थी। इस मामले में 23 सितंबर को वीरभद्र, उनकी पत्नी, उनके सहयोगी चुन्नी लाल और एलआईसी एजेंट आनंद चौहान के खिलाफ भ्रष्टाचार रोधी कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

सिंह पर आरोप है कि केंद्रीय मंत्री रहने के दौरान उनके और उनके परिजनों के पास 6.03 करोड़ की संपत्ति आई जो उनकी ज्ञात आय के स्रोत से कहीं अधिक है।

 सुनवाई से हटने की सर्वमान्य प्रक्रिया होनी चाहिए : न्यायालय

उधर, उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई में कहा कि मुकदमों की सुनवाई से हटने के बारे में न्यायाधीशों को सर्वमान्य प्रक्रिया अपनानी चाहिए।

शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब सीबीआई की ओर से अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने इस तथ्य का जिक्र किया कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय की खंडपीठ के एक न्यायाधीश ने एक बार मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के एक मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था लेकिन बाद में एक अन्य मामले की सुनवाई की और उन्हें राहत भी प्रदान की।

न्यायमूर्ति एफएमआई कलीफुल्ला और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘यदि आप एक मामले की सुनवाई नहीं करना चाहते हैं तो फिर दूसरे मामले की भी सुनवाई मत कीजिये। ऐसा करने के लिए एक सर्वमान्य परंपरा होनी चाहिए।’’ न्यायालय सीबीआई की दो याचिकाओं की सुनवाई कर रहा था। इनमें से एक याचिका में जांच एजेन्सी ने सिंह से संबंधित याचिका हिमाचल प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है जबकि दूसरी याचिका में उच्च न्यायालय का आदेश निरस्त करने का आग्रह किया गया है।

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