फाइल फोटो
स्टैनफोर्ड:
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र और पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी के बीच हुए सौदे को ‘वाणिज्यिक लेन-देन’ करार देने के लिए विपक्ष की अलोचना के शिकार वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज कहा, कर का आकलन करने वाली एजेंसियां इस मामले में अपनी जांच-पड़ताल जारी रखेंगी।
जेटली से संवाददाताओं ने जब विपक्ष के इस आरोप के बारे में पूछा था कि उन्होंने यह कहकर एक तरह से भाजपा सांसद दुषयंत सिंह को पाक-साफ घोषित कर दिया है कि सिंह को पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी की ओर से दिया गया कर्ज एक व्यावसायिक लेन-देन था। जेटली ने इसके जवाब में कहा, मैंने कभी ऐसे शब्द का उपयोग नहीं किया है। वह कभी भी मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
जेटली ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक सार्वजनिक समारोह में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, यह स्पष्ट रूप से मेरी बात की गलत व्याख्या है। भारत में आकलन करने वाली विभिन्न एजेंसियों को जो कुछ करना है, वह उनका काम है। वे अपना काम करती रहेंगी। सिंह, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसंधुरा राजे के पुत्र हैं। मीडिया में आई इन खबरों पर उनकी आलोचना हो रही है कि उनकी कंपनी ने मोदी से 2008 में 11.63 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त किया था।
जेटली ने इस विवाद के संबंध में कहा था, मैं मोदी पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन यह दो व्यक्तियों के बीच वाणिज्यिक लेन-देन है।
कांग्रेस ने सोमवार को जेटली पर हमला किया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, यह स्पष्ट रूप से मामले पर पर्दा डालने की कोशिश है। हम वित्त मंत्री पर राजे के बेटे दुष्यंत सिंह और ललित मोदी के मामले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय पर प्रभाव डालने का आरोप लगाते हैं। आजाद ने आश्चर्य जताया कि वित्त मंत्री को राजे के पुत्र और मोदी को इस मामले ‘क्लीन चिट’ देने (पाक-साफ घोषित करने) की क्या जरूरत है जबकि उनके मंत्रालय के तहत आने वाला प्रवर्तन निदेशालय गैरकानूनी तौर पर प्राप्त काले धन के इन संदिग्ध लेन-देन का मामलों की जांच कर रहा है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजे की मोदी को ब्रिटेन में यात्रा-दस्तावेज प्राप्त करने में मदद करने के लिए आलोचना झेलनी पड़ रही है। गौरतलब है कि मोदी (49) भारत में कानूनी पचड़ों से बचने के लिए ब्रिटेन में रहते हैं।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मैचों की फिक्सिंग और गैरकानूनी सट्टेबाजी में संलिप्तता के आरोप में घिरने के बाद मोदी 2010 में लंदन चले गए थे।
जेटली से संवाददाताओं ने जब विपक्ष के इस आरोप के बारे में पूछा था कि उन्होंने यह कहकर एक तरह से भाजपा सांसद दुषयंत सिंह को पाक-साफ घोषित कर दिया है कि सिंह को पूर्व आईपीएल प्रमुख ललित मोदी की ओर से दिया गया कर्ज एक व्यावसायिक लेन-देन था। जेटली ने इसके जवाब में कहा, मैंने कभी ऐसे शब्द का उपयोग नहीं किया है। वह कभी भी मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
जेटली ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में एक सार्वजनिक समारोह में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, यह स्पष्ट रूप से मेरी बात की गलत व्याख्या है। भारत में आकलन करने वाली विभिन्न एजेंसियों को जो कुछ करना है, वह उनका काम है। वे अपना काम करती रहेंगी। सिंह, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसंधुरा राजे के पुत्र हैं। मीडिया में आई इन खबरों पर उनकी आलोचना हो रही है कि उनकी कंपनी ने मोदी से 2008 में 11.63 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त किया था।
जेटली ने इस विवाद के संबंध में कहा था, मैं मोदी पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन यह दो व्यक्तियों के बीच वाणिज्यिक लेन-देन है।
कांग्रेस ने सोमवार को जेटली पर हमला किया। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, यह स्पष्ट रूप से मामले पर पर्दा डालने की कोशिश है। हम वित्त मंत्री पर राजे के बेटे दुष्यंत सिंह और ललित मोदी के मामले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय पर प्रभाव डालने का आरोप लगाते हैं। आजाद ने आश्चर्य जताया कि वित्त मंत्री को राजे के पुत्र और मोदी को इस मामले ‘क्लीन चिट’ देने (पाक-साफ घोषित करने) की क्या जरूरत है जबकि उनके मंत्रालय के तहत आने वाला प्रवर्तन निदेशालय गैरकानूनी तौर पर प्राप्त काले धन के इन संदिग्ध लेन-देन का मामलों की जांच कर रहा है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजे की मोदी को ब्रिटेन में यात्रा-दस्तावेज प्राप्त करने में मदद करने के लिए आलोचना झेलनी पड़ रही है। गौरतलब है कि मोदी (49) भारत में कानूनी पचड़ों से बचने के लिए ब्रिटेन में रहते हैं।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मैचों की फिक्सिंग और गैरकानूनी सट्टेबाजी में संलिप्तता के आरोप में घिरने के बाद मोदी 2010 में लंदन चले गए थे।
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