गुरुग्राम (Gurugram) में कोरोना (Corona) के चलते 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और चालीस हजार से ज्यादा कोरोना के सक्रिय मरीज है. ऑक्सीजन (Oxygen) और बेड की यहां पहले से कमी देखी जा रही है ऐसे में प्राइवेट एंबुलेंस (Privet Ambulances) वालों ने किराया को लेकर अपनी सर्विस को रोक दिया है जिससे मरीजों की परेशानी बढ़ गई है. 1 लाख 20 हजार रुपए का ये बिल इलाज का नहीं बल्कि एक कोरोना मरीज को गुरुग्राम (Gurugram) से लुधियाना पहुंचाने के नाम पर प्राइवेट ऐंबुलेंस वालों ने वसूला है. ये दिल्ली एनसीआर में एंबुलेंस के मनमाने रुपए वसूलने का ताजा उदाहरण है. अब इस बिल के वायरल होने के बाद इस कंपनी के तीनों मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो गए लेकिन ऐंबुलेंस वालों की मनमानी का शिकार सतिंदर कौर की आपबीती हैरान करने वाली है.
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लेकिन प्राइवेट एंबुलेंस यूनियन (Private Ambulance Union) 15 किलोमीटर के 3500 हजार रुपए फिक्स करने की मांग कर रहा और इसी के चलते अपनी सर्विसेज को फिलहाल स्थगित कर दिया है. हालांकि ऐंबुलेंस यूनियन भी मानती है कि कोरोना महामारी में कुछ लोगों के चलते उनकी साख पर खासा बट्टा लगा है.
ऐंबुलेंस यूनियन के उपाध्यक्ष सुरेंद्र तंवर का कहना है कि मैं बीस साल से इस लाइन में मुझे मरीज मिठाई देते थे लेकिन अब हमारा पेशा बहुत बदनाम हो गया मुझे रोना आता है लेकिन अब हम खुद ऐसे जालसाजों को खोज रहे हैं. उनपर मामला दर्ज कराऐंगे.
एंबुलेंस बुक करवाते वक्त आप लोग भी थोड़ा सतर्क रहें क्योंकि कई जालसाजों ने गूगल प्रमोशन के जरिए अपना नंबर सबसे ऊपर फ्लैश करवाते है जैसे ही आप आपातकाल में ऐंबुलेंस बुक करने के लिए गूगल सर्च करते है इनका नंबर पहले आता है. ये बीच में कमीशन खाते हैं. फिलहाल, गुरुग्राम में कोरोना के मरीजों की परेशानी बढ़ गई. प्राइवेट ऐंबेलुस की कमी के अलावा अस्पतालों में बेड की कमी भी देखी जा रही है. गुरुग्राम के देवीलाल स्टेडियम में 100 बेड का अस्थाई अस्पताल भी बनाया जा रहा है खुद गुरुग्रामके विधायक सुधीर सिंगला भी बेड न दिला पाने की अपनी बेबसी स्वीकार करते हैं.
गुरुग्राम के MLA सुधीर सिंगला का कहना है कि मेरे पास रोज सौ लोगों के फोन बेड के लिए आते हैं मैं बामुश्किल 10-15 लोगों को भर्ती करा पाता है. क्या करें एकाएक मरीजों की संख्या बढ़ी है और वो अब ज्यादा दिन तक अस्पताल में रहते हैं. ये हाल उस गुरुग्राम के हैं जो देश का एक प्रमुख IT और BPO हब कहा जाता है यहां कोरोना संक्रमित मरीजों को ऐंबुलेंस से लेकर आक्सीजन और बेड की कमी का सामना करना पड़ रहा है.
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