प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के सचिवों के साथ लंबी बैठक की और कहा कि उन्हें इस बात पर आश्चर्य है कि विकास का दृष्टिकोण होने के बाद भी नौकरशाह उन्हें अमलीजामा पहनाने में पिछड़ क्यों जाते हैं. सूत्रों ने यह जानकारी दी. केंद्रीय मंत्रिपरिषद में एक बड़े फेरबदल के कुछ महीनों बाद यह बैठक हुई जो चार घंटे से अधिक समय तक चली.
सूत्रों के मुताबिक कई सचिवों ने विभिन्न नीतिगत मामलों पर अपना दृष्टकोण साझा किया तथा शासन में सुधार एवं जमीनी स्तर पर योजनाओं एवं कार्यक्रमों को उतारने के बारे में सुझाव दिये. सूत्रों के अनुसार सचिवों की बातें सुनने के बाद मोदी ने कहा कि यह काबिलेतारीफ है कि उन सभी के पास दृष्टिकोण तो है लेकिन इस बात पर आश्चर्य है कि उस दृष्टिकोण को अमलीजामा क्यों नहीं पहनाया जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री ने सचिवों से कहा कि उन्हें अपने विभाग के सचिव के रूप में बर्ताव करने के बजाय अपनी अपनी टीमों के नेता के रूप में काम करना चाहिए. सूत्रों के अनुसार कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बाद प्रधानमंत्री मंत्रियों एवं शीर्ष अधिकारियों के साथ उनमें नयी ऊर्जा भरने तथा सरकार के कामकाज में उत्साह का संचार करने के लिए बैठकें कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सचिवों के साथ यह बैठक उसी का हिस्सा था.
सूत्रों का कहना है कि कुछ नौकरशाह महसूस करते हैं कि यह बैठक मंत्रिपरिषद के बाद अब नौकरशाही में फेरबदल का संकेत हो सकती है.
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