जेडीयू से निष्कासित नेता और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर निशाना साधा है. प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में सवाल उठाते हुए पूछा है कि 15 साल के नीतीश कुमार के "सुशासन" के बावजूद बिहार आज भी देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य क्यों हैं? प्रशांत ने ट्वीट में लिखा, "पटना में JDU (जनता दल यूनाइडेट) के कार्यकर्ताओं की “भारी भीड़” को सम्बोधित करते हुए नीतीश कुमार ने 200 सीटें जीतने का दावा किया लेकिन ये नहीं बताया कि 15 साल के उनके “सुशासन” के बावजूद बिहार आज भी देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य क्यों हैं?
प्रशांत किशोर ने दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) को लेकर भी नीतीश पर हमला किया. उन्होंने लिखा कि दिल्ली हिंसा पर आपकी ओर से एक भी शब्द नहीं कहना भी गलत था. दिल्ली हिंसा में जान गंवाने वालों की संख्या बढ़कर अब 46 हो गई है. इसके अलावा, सैकड़ों लोग घायल बताए जा रहे हैं.
पटना में JDU workers की “भारी भीड़” को सम्बोधित करते हुए @NitishKumar ने 200 सीटें जीतने का दावा किया लेकिन ये नहीं बताया कि 15 साल के उनके “सुशासन” के बावजूद बिहार आज भी देश का सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य क्यों हैं?
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) March 2, 2020
Also it was bad on his part not to say a word on #DelhiViolence
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प्रशांत किशोर काफी समय से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर हैं. प्रशांत किशोर को हाल ही में नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जदयू से बाहर कर दिया था. इसके बाद, प्रशांत किशोर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया था कि उनके और नीतीश कुमार के बीच किन वजहों से मतभेद थे. उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार ने उन्हें बेटे की तरह रखा. उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया, लेकिन मैं फिर भी उनका सम्मान करता हूं.
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किशोर ने कहा, "मुझे पार्टी में शामिल करने और पार्टी से निकालने के फैसले को दिल से स्वीकार करता हूं. उन पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं और आगे भी नहीं करना चाहता. ये उनका एकाधिकार था. वो पार्टी में रखना चाहते थे और नहीं रखना चाहते थे ये भी उनका अधिकार है. उनके लिए हमेशा मेरे दिल में आदर रहेगा. हम लोगों में दो वजहों से मतभेद थे. लोकसभा चुनाव से ही हमारी इन वजहों को लेकर बातचीत चल रही थी. उन्होंने बताया पहली वजह विचारधारा है और दूसरी वजह जदयू और नीतीश कुमार की गठबंधन में पोजिशन को लेकर है."
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