भारतीय सेना को मारे गए हमलावर के पास से एके-47, गोली-बारूद, ग्रेनेड समेत हथियारों का ज़खीरा बरामद हुआ है...
नई दिल्ली:
पाकिस्तान बॉर्डर एक्शन टीम, यानी बैट हमलावरों से मिले सबूतों से पता चलता है कि ये पाकिस्तान के एसएसजी, यानी स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमांडो थे. भारतीय सेना को मारे गए हमलावर के पास से एके-47, गोली-बारूद, ग्रेनेड समेत हथियारों का ज़खीरा बरामद हुआ है, और साथ ही पाकिस्तान के रुपये, पाकिस्तान में बने ड्राई फ्रूट, चॉकलेट समेत कई ऐसे सामान बरामद हुए हैं, जिनसे लगता है कि यह पाक सेना का ही जवान था.
गुरुवार को बैट के हमले में भारतीय सेना के दो जवान शहीद (वीडियो रिपोर्ट) हो गए थे, और जवाबी कार्रवाई में बैट का एक हमलावर मारा गया था, और दूसरा घायल हो गया था. आपको बता दें कि पाकिस्तानी सेना की बार्डर एक्शन टीम में सैनिक तो होते ही हैं, आतंकवादी भी होते हैं, जो खासतौर से सीमा पर घात लगाकर हमला करने में प्रशिक्षित होते हैं.
हालिया वक्त में नियंत्रण रेखा, यानी एलओसी के आसपास बैट कैम्पों की तादाद बढ़ गई है, और ये कैंप पाक-अधिकृत कश्मीर, यानी पीओके में सरहद से सटे हुए हैं. हर कैम्प में 40 से 50 कमांडो होते हैं. हर हमले के दौरान छह से सात पाक सेना के जवान होते हैं और उनके साथ कुछ आतंकवादी. ये हमला करने से पहले उस इलाके की गहरी छानबीन और सेना के गश्ती दल के तरीके पर नज़र रखते हैं.
गुरुवार को हुआ हमला इस साल में तीसरा है. इससे पहले बैट ने उरी में हमला किया था, लेकिन सेना ने न केवल उसे नाकाम कर दिया, बल्कि बैट के दोनों हमलावरों को मार भी गिराया था. लेकिन जब मई में पुंछ के कृष्णाघाटी इलाके में बैट ने हमला किया था, तो भारतीय जवान शहीद हुए थे और इन लोगों ने उनके शवों को भी क्षत-विक्षत किया था.
गुरुवार को बैट के हमले में भारतीय सेना के दो जवान शहीद (वीडियो रिपोर्ट) हो गए थे, और जवाबी कार्रवाई में बैट का एक हमलावर मारा गया था, और दूसरा घायल हो गया था. आपको बता दें कि पाकिस्तानी सेना की बार्डर एक्शन टीम में सैनिक तो होते ही हैं, आतंकवादी भी होते हैं, जो खासतौर से सीमा पर घात लगाकर हमला करने में प्रशिक्षित होते हैं.
हालिया वक्त में नियंत्रण रेखा, यानी एलओसी के आसपास बैट कैम्पों की तादाद बढ़ गई है, और ये कैंप पाक-अधिकृत कश्मीर, यानी पीओके में सरहद से सटे हुए हैं. हर कैम्प में 40 से 50 कमांडो होते हैं. हर हमले के दौरान छह से सात पाक सेना के जवान होते हैं और उनके साथ कुछ आतंकवादी. ये हमला करने से पहले उस इलाके की गहरी छानबीन और सेना के गश्ती दल के तरीके पर नज़र रखते हैं.
गुरुवार को हुआ हमला इस साल में तीसरा है. इससे पहले बैट ने उरी में हमला किया था, लेकिन सेना ने न केवल उसे नाकाम कर दिया, बल्कि बैट के दोनों हमलावरों को मार भी गिराया था. लेकिन जब मई में पुंछ के कृष्णाघाटी इलाके में बैट ने हमला किया था, तो भारतीय जवान शहीद हुए थे और इन लोगों ने उनके शवों को भी क्षत-विक्षत किया था.
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