बिहार की राजनीति में मंगलवार से फिर से अपने विधयाकों को एकजुट रखने के लिए भोज की राजनीति शुरू होगी। सबसे पहले मंगलवार शाम जनता दल यूनाइटेड के विधान पार्षद विनोद सिंह ने अपनी पार्टी के अलावा, आरजेडी, कांग्रेस के नेताओं और विधयाकों के लिए भोज का आयोजन किया है।
उसके बाद बुधवार को दिन का भोजन राष्ट्रीय जनता दल के विधयक दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के घर पर हैं जहां शाकाहारी खाने से ज्यादा तरह-तरह की बिरयानी खाने को मिलेगी। बुधवार शाम को भोजन पर जनता दल यूनाइटेड के विधानसभा में नए नेता विजय चौधरी ने सबको आमंत्रिता किया हैं।
विश्वास मत से ठीक एक दिन पहले यानी गुरुवार को पूर्व मंत्री रंजू गीता ने अपने घर पर सबके लिए भोज रखा है। इसके बाद उसी दिन रात का भोजन नीतीश कुमार सबको कराएंगे। दरअसल इन भोज के बहाने न केवल सभी विधायक अपने नेता से मिलते हैं बल्कि ये भी पता चल जाता है कि किस विधायक का मन डोल रहा है और कौन सा विधयक आया या शहर से बहार है।
ये भोज का दौर नीतीश कुमार के नेता चुने जाने के पहले शुरू हो गया था और सबसे पहले पूर्व मंत्री श्याम रज़क ने अपने घर पर सभी मंत्रियों को आमंत्रित किया था। लेकिन श्याम रज़क ने मांझी समर्थकों को जानबूझ कर नहीं बुलाया। उसके बाद भी कई विधयाकों ने इस भोज के दौर को जारी रखा। लेकिन पिछले चार दिनों से भोज का दौर बंद था और विश्वास मत का दिन नजदीक आते ही फिर से इन आयोजनों का सिलसिला शुरू हो गया है।
वहीं मांझी कैंप में फ़िलहाल कोई भोज का दौर नहीं चल रहा क्योंकि उनकी अधिकांश बैठक मुख्यमंत्री आवास में होती है जहां चाय नाश्ते का दौर चलता रहता है। इसलिए सार्वजनिक रूप से कोई भोज का आयोजन नहीं किया जाता। कुछ मांझी समर्थक विधयाकों का कहना है कि सार्वजनिक रूप से भोज का आयोजन न करना हमारी रणनीति का हिस्सा है।
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