दिल्ली में पानी पर राजनीति लगातार जारी है लेकिन अब इस राजनीति ने नया मोड़ ले लिया है. सारी की सारी राजनीति केवल एक आम आदमी पार्टी विधायक के इर्द-गिर्द आकर रुक गई है. इस AAP विधायक का नाम है दिनेश मोहनिया (Dinesh Mohaniya). दिनेश मोहनिया दिल्ली के संगम विहार से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक हैं और दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष हैं. केंद्रीय उपभोक्ता मामले में मंत्री रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) इस बात पर अड़ गए हैं कि दिल्ली में पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए जो साझा टीम बनाने की बात चल रही है उसमें दिनेश मोहनिया नहीं होने चाहिए.
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रामविलास पासवान ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल को चुनौती दी और कहा 'हम चुनौती देते हैं सीएम केजरीवाल को कि वो जांच करा लें. हमने पहले ही दिन दो-दो लोगों की टीम बनाने के लिए बोला था जिसमें दिल्ली सरकार ने जो नाम दिए हैं उनमें एक विधायक हैं. आखिर एक विधायक को लैब की क्या जानकारी होती है.'
दरअसल जब दिल्ली में भारतीय मानक ब्यूरो की जांच रिपोर्ट पर विवाद बढ़ा तो दिल्ली सरकार के सुझाव पर केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान ने केंद्र और दिल्ली सरकार की साझा टीम से पानी की गुणवत्ता की जांच कराने का फैसला किया. रामविलास पासवान ने केंद्र सरकार की तरफ से भारतीय मानक ब्यूरो के महानिदेशक और उप महानिदेशक को साझा टीम के लिए नामित किया, तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया और दिल्ली जल बोर्ड के सदस्य शलभ कुमार को नामित किया.
बुधवार को ही रामविलास पासवान ने दिनेश मोहनिया के नाम पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि इस टीम में कोई एक्सपर्ट या अधिकारी होना चाहिए नेता नहीं. दिनेश मोहनिया संगम विहार से आम आदमी पार्टी के विधायक हैं इसलिए केजरीवाल को इनकी जगह किसी गैर राजनीतिक नाम को इस टीम में नामित करना चाहिए.
लेकिन पासवान के कहने के 24 घंटे बाद भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दूसरा नाम नहीं दिया जिससे यह संदेश जा रहा है कि दिल्ली सरकार दिनेश मोहनिया को साझा टीम में नामित करने पर अड़ गई है. जबकि केंद्र सरकार इस तर्क के साथ और गई है कि जांच टीम में कोई नेता नहीं होना चाहिए.
गुरुवार दोपहर दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी कि दिल्ली जल बोर्ड ने उन सभी 11 जगहों से सैंपल लिए हैं जहां से भारतीय मानक ब्यूरो ने सैंपल लिए थे और वह फेल हो गए थे. मोहनिया ने भारतीय मानक ब्यूरो की जांच पर सवाल उठाए और उसकी रिपोर्ट को खारिज किया.
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मोहनिया से जब रामविलास पासवान की टिप्पणी पर सवाल किया गया तो दिनेश मोहनिया ने कहा ' हमें इस मामले में व्यक्ति की बजाए प्रक्रिया पर ध्यान देना चाहिए और पारदर्शिता पर जाना चाहिए. जो भी सैंपल लिए जाएं वह सब लोगों के सामने हो उनको ठीक तरह से सील किया जाए. उनकी बाकायदा प्रक्रिया हो. उनको लैब में भेजा जाए और उनके जो भी नतीजे आएं वह मीडिया के सामने और जनता के सामने रखे जाएं जिससे जनता खुद तय कर सके कि पानी साफ है या नहीं'
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