राजनीतिक पार्टी जनहित याचिका दाखिल कर सकती है या नहीं, सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

राजनीतिक पार्टी जनहित याचिका दाखिल कर सकती है या नहीं, सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई

स्वराज इंडिया के नेता प्रशांत भूषण

नई दिल्ली:

पांच राज्यों द्वारा हेलीकॉप्टर खरीद मामले में कथित गड़बड़ियों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा वो पहले ये तय करेगा की क्या कोई राजनीतिक पार्टी सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर सकती है या नहीं.

कोर्ट ने ये भी कहा कि 4 हफ्ते बाद जब मामले की सुनवाई होगी तब कोर्ट नियंत्रक व महालेखा परीक्षक यानी कैग की रिपोर्ट भी देखेगा.

मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जरनल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि इनकी याचिका सुनवाई योग्य नहीं है क्योंकि बतौर राजनीतिक पार्टी स्वराज इंडिया ने चुनाव आयोग में रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया है. ऐसे में इनकी याचिका पर सुनवाई नहीं होनी चाहिए.

अटॉर्नी जरनल मुकुल रोहतगी ने कहा कि खरीद 2006 में हुई थी उसके बाद किसी ने भी जांच एजेंसी के पास शिकायत दर्ज नहीं कराई. अचानक 10 साल बाद ये कहते हैं कि इस पूरे खरीद फरोख्त में गड़बड़ी हुई है.

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ये मामला 2-जी और कोयला घोटाला जैसा नहीं है. वैसे भी कोर्ट इस मसले पर दखल नहीं दे सकता कि क्या राज्य सरकार या फिर मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर खरीद सकता है या नहीं. हालांकि कोर्ट ने कहा कि वो मामले की सुनवाई 4 हफ्ते बाद करेगी.

दरअसल स्वराज अभियान ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर पंजाब, जम्मू एवं कश्मीर, छत्तीसगढ़, झारखंड और राजस्थान सरकार पर हेलीकॉप्टरों की खरीद में कथित गड़बड़ियों का आरोप लगाया है.

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने अदालत से कहा कि पंजाब और जम्मू एवं कश्मीर पर नियंत्रक व महालेखा परीक्षक ने प्रतिकूल रिपोर्ट दी है, जबकि मीडिया रिपोर्टों से राजस्थान, झारखंड और छत्तीसगढ़ में इस संदर्भ में हुई कथित गड़बड़ियों के स्पष्ट संकेत मिलते हैं.


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