प्रतीकात्मक तस्वीर.
मुंबई:
महाराष्ट्र के नासिक जिले में एक किसान द्वारा भेजे गए मनी-ऑर्डर को प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से लौटा दिया गया. इस किसान को 750 किलोग्राम प्याज बेचने के एवज में मात्र 1,064 रुपए मिले थे. नासिक जिले के निपहद तहसील के किसान संजय साठे ने थोक बाजार में प्याज बेचकर मिले मात्र 1,064 रुपए को लेकर विरोध जताने के लिए यह राशि 29 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज दी थी.
कुछ दिन पहले एक स्थानीय डाकघर ने उन्हें सूचित किया कि उनके मनी-ऑर्डर को स्वीकार नहीं किया गया. साठे ने बुधवार को कहा, 'मैं सोमवार को निपहद के डाक कार्यालय गया और 1,064 रुपए प्राप्त किए. मेरी मंशा सरकार को किसानों के वित्तीय तनाव को कम करने को लेकर कुछ कदम उठाने के लिए प्रेरित करने की थी जो उन्हें कीमतों में गिरावट के कारण झेलना पड़ता है. साठे प्याज की अपनी फसल को निपहद के थोक बाजार में बेचने के लिए ले गए थे और उन्हें प्रति किलो एक रुपये 40 पैसे की बेहद कम कीमत मिली थी. मनी-ऑर्डर के जरिए पीएमओ के आपदा राहत कोष में यह पैसा दान देने का उनका कदम सुर्खियों में रहा था.
4 महीने की कठिन मेहनत और 750 किलो प्याज के मिले महज 1064 रुपये, नाराज किसान ने पैसा पीएम राहत कोष को दान किया
महाराष्ट्र में एक और ऐसा मामला देखने को मिला था, जहां अहमदनगर जिले के एक किसान ने विरोध दर्ज कराने की खातिर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को छह रुपए का मनी ऑर्डर भेजा था. श्रेयस अभाले नाम के किसान ने बताया था कि जिले के संगमनेर थोक बाजार में 2657 किलो प्याज एक रुपए प्रति किलो की दर से बेचने और बाजार के खर्च निकालने के बाद उसके पास महज छह रुपए बचे.
महाराष्ट्र: प्याज बेचकर किसान को हुई 6 रुपये की कमाई, गुस्से में CM फडणवीस को भेजा मनीऑर्डर
श्रेयस ने कहा था, ‘संगमनेर थोक बाजार में मैं जब 2,657 किलो प्याज लेकर आया तो मुझे 2,916 रुपए मिले. मजदूरी और परिवहन पर आए खर्च के तौर पर 2,910 रुपए चुकाने के बाद मेरे पास सिर्फ छह रुपए बचे.' उसने कहा कि वह इससे काफी निराश हुआ और मुख्यमंत्री को छह रुपए का मनी ऑर्डर भेजने का फैसला किया ताकि इस स्थिति की तरफ उनका ध्यान दिलाया जा सके.
(इनपुट- भाषा)
क्यों रुला रहा है प्याज अब राजस्थान के किसानों को...
राजस्थान में सिर्फ तीन से चार रुपये किलो प्याज बेचने को क्यों मजबूर हुए किसान
कुछ दिन पहले एक स्थानीय डाकघर ने उन्हें सूचित किया कि उनके मनी-ऑर्डर को स्वीकार नहीं किया गया. साठे ने बुधवार को कहा, 'मैं सोमवार को निपहद के डाक कार्यालय गया और 1,064 रुपए प्राप्त किए. मेरी मंशा सरकार को किसानों के वित्तीय तनाव को कम करने को लेकर कुछ कदम उठाने के लिए प्रेरित करने की थी जो उन्हें कीमतों में गिरावट के कारण झेलना पड़ता है. साठे प्याज की अपनी फसल को निपहद के थोक बाजार में बेचने के लिए ले गए थे और उन्हें प्रति किलो एक रुपये 40 पैसे की बेहद कम कीमत मिली थी. मनी-ऑर्डर के जरिए पीएमओ के आपदा राहत कोष में यह पैसा दान देने का उनका कदम सुर्खियों में रहा था.
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श्रेयस ने कहा था, ‘संगमनेर थोक बाजार में मैं जब 2,657 किलो प्याज लेकर आया तो मुझे 2,916 रुपए मिले. मजदूरी और परिवहन पर आए खर्च के तौर पर 2,910 रुपए चुकाने के बाद मेरे पास सिर्फ छह रुपए बचे.' उसने कहा कि वह इससे काफी निराश हुआ और मुख्यमंत्री को छह रुपए का मनी ऑर्डर भेजने का फैसला किया ताकि इस स्थिति की तरफ उनका ध्यान दिलाया जा सके.
(इनपुट- भाषा)
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