नई दिल्ली:
भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए संसद में पेश किए गए लोकपाल बिल के ड्राफ्ट के विरुद्ध आंदोलनरत अन्ना हजारे की मंगलवार को हुई गिरफ्तारी और उसके बाद के नाटकीय घटनाक्रमों के चलते एकजुट विपक्ष की मांग मानते हुए प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह को आखिरकार संसद में बयान देना पड़ा, जिसमें उन्होंने अन्ना की गिरफ्तारी पर अफसोस तो जताया, लेकिन साथ ही कहा कि अन्ना की गिरफ्तारी इसलिए ज़रूरी थी, क्योंकि उनकी टीम धारा 144 का उल्लंघन करने पर अड़ी हुई थी। उन्होंने अपने इस बयान को भी दोहराया कि भ्रष्टाचार किसी जादू की छड़ी से दूर नहीं किया जा सकता है। पीएम ने अन्ना और उनकी टीम पर जनलोकपाल बिल को सरकार पर थोपने की कोशिश का आरोप लगाते हुए कहा कि संसद की सर्वोच्चता को चुनौती नहीं दी जा सकती, और देश में संसद से बढ़कर कुछ नहीं है। प्रधानमंत्री के अनुसार लोकपाल बिल संसद की स्थायी समिति के पास मौजूद है। उन्होंने अपील भी की कि देश की आर्थिक प्रगति को हाईजैक नहीं किया जाए, और सरकार को उसका काम करने दिया जाए।