नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजधानी दिल्ली के एक वृद्धाश्रम में सपत्नीक रह रहे महात्मा गांधी के पौत्र कनुभाई गांधी से फोन पर बात की और संस्कृति मंत्री महेश शर्मा को उनसे मिलने का निर्देश दिया। इसी के अनुसार, शर्मा ने कनुभाई से मुलाकात की और दक्षिण दिल्ली के गौतमपुरी में गुरु विश्राम वृद्धाश्रम में उनके साथ करीब 45 मिनट बिताए।
बातचीत के बाद नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दंपति आरामदायक तरीके से रहें। पीएमओ ने ट्वीट किया, "प्रधानमंत्री ने कनुभाई गांधी के बारे में खबरों पर संज्ञान लिया... उन्होंने मंत्री महेश शर्मा को कनुभाई से मिलने के लिए कहा..."
पीएमओ ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "प्रधानमंत्री और कनुभाई की लंबी बातचीत हुई... उन्होंने गुजराती में बात की और चर्चा बहुत अच्छी रही..."
बाद में कनुभाई ने कहा कि वह नरेंद्र मोदी के पुराने प्रशंसक हैं और उन्हें (मोदी को) वे सभी मदद याद हैं, जो उन्होंने (कनुभाई ने) कीं। उन्होंने कहा कि उस समय (कांग्रेस अध्यक्ष) सोनिया गांधी हम दोनों के खिलाफ थीं।
कनुभाई ने कहा, "मोदी ने गुजराती में सबकुछ समझा..." बाद में महेश शर्मा ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने दंपति को 'सभी तरह की मदद' का प्रस्ताव दिया है।
वैसे, इससे पहले दिल्ली के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कल्याण, महिला एवं बाल विकास मंत्री संदीप कुमार ने उनसे मुलाकात की थी। अमेरिका में करीब चार दशक बिताने के बाद कनुभाई (87) और उनकी 85-वर्षीय पत्नी शिवलक्ष्मी गांधी वर्ष 2014 में भारत लौटे थे और उन्होंने गुजरात के विभिन्न आश्रमों में डेढ़ साल बिताया और 8 मई को दिल्ली के आश्रम में आए हैं।
कनुभाई महात्मा गांधी के तीसरे पुत्र रामदास के सबसे बड़े बेटे हैं। कनुभाई 17 वर्ष की उम्र में भारत छोड़कर चले गए थे और उन्होंने प्रतिष्ठित 'मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी' में पढ़ाई की थी और बाद में नासा के लांगले अनुसंधान केंद्र में काम किया था। उनकी पत्नी ने बायोकैमिस्ट्री में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है।
बातचीत के बाद नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दंपति आरामदायक तरीके से रहें। पीएमओ ने ट्वीट किया, "प्रधानमंत्री ने कनुभाई गांधी के बारे में खबरों पर संज्ञान लिया... उन्होंने मंत्री महेश शर्मा को कनुभाई से मिलने के लिए कहा..."
PM @narendramodi has taken note of reports about Shri Kanubhai Gandhi. He asked Minister @dr_maheshsharma to meet Kanubhai.
— PMO India (@PMOIndia) May 15, 2016
पीएमओ ने एक अन्य ट्वीट में कहा, "प्रधानमंत्री और कनुभाई की लंबी बातचीत हुई... उन्होंने गुजराती में बात की और चर्चा बहुत अच्छी रही..."
PM @narendramodi and Kanubhai had a long conversation. They spoke in Gujarati and had a very pleasant discussion. pic.twitter.com/m93Gc3DXwK
— PMO India (@PMOIndia) May 15, 2016
बाद में कनुभाई ने कहा कि वह नरेंद्र मोदी के पुराने प्रशंसक हैं और उन्हें (मोदी को) वे सभी मदद याद हैं, जो उन्होंने (कनुभाई ने) कीं। उन्होंने कहा कि उस समय (कांग्रेस अध्यक्ष) सोनिया गांधी हम दोनों के खिलाफ थीं।
कनुभाई ने कहा, "मोदी ने गुजराती में सबकुछ समझा..." बाद में महेश शर्मा ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने दंपति को 'सभी तरह की मदद' का प्रस्ताव दिया है।
वैसे, इससे पहले दिल्ली के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति कल्याण, महिला एवं बाल विकास मंत्री संदीप कुमार ने उनसे मुलाकात की थी। अमेरिका में करीब चार दशक बिताने के बाद कनुभाई (87) और उनकी 85-वर्षीय पत्नी शिवलक्ष्मी गांधी वर्ष 2014 में भारत लौटे थे और उन्होंने गुजरात के विभिन्न आश्रमों में डेढ़ साल बिताया और 8 मई को दिल्ली के आश्रम में आए हैं।
कनुभाई महात्मा गांधी के तीसरे पुत्र रामदास के सबसे बड़े बेटे हैं। कनुभाई 17 वर्ष की उम्र में भारत छोड़कर चले गए थे और उन्होंने प्रतिष्ठित 'मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी' में पढ़ाई की थी और बाद में नासा के लांगले अनुसंधान केंद्र में काम किया था। उनकी पत्नी ने बायोकैमिस्ट्री में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है।
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