Kanubhai Gandhi
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महात्मा गांधी के पोते कनुभाई गांधी गंभीर रूप से बीमार, वेंटिलेटर पर रखे गए
- Friday November 4, 2016
- Reported by: राजीव पाठक
महात्मा गांधी के पोते कनुभाई गांधी गंभीर रूप से बीमार हैं और उन्हें सूरत के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहां उनका इलाज चल रहा है. फिलहाल उनकी हालत गंभीर बनी हुई है जिसके चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.
- ndtv.in
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वृद्धाश्रम में रह रहे महात्मा गांधी के पौत्र से बात की पीएम नरेंद्र मोदी ने
- Monday May 16, 2016
- Reported by: भाषा
प्रधानमंत्री ने दिल्ली के एक वृद्धाश्रम में सपत्नीक रह रहे महात्मा गांधी के पौत्र कनुभाई गांधी से फोन पर बात की और संस्कृति मंत्री महेश शर्मा को उनसे मिलने का निर्देश दिया। शर्मा ने कनुभाई से मुलाकात की और दक्षिण दिल्ली के गौतमपुरी में गुरु विश्राम वृद्धाश्रम में उनके साथ 45 मिनट बिताए।
- ndtv.in
-
महात्मा गांधी के पोते दिल्ली के वृद्ध आश्रम में क्यों हैं?
- Sunday May 15, 2016
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: सूर्यकांत पाठक
वृद्ध आश्रम में ज्यादातर को उनके अपने ही छोड़कर चले गए। कानुभाई की तरह अब यह बुजुर्ग भी अपने बचपन को यहां जी रहे हैं। इनके लिए जिंदगी ही सवाल है...और सवाल ही अब इसका जवाब भी...।
- ndtv.in
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महात्मा गांधी के पोते कनुभाई गांधी गंभीर रूप से बीमार, वेंटिलेटर पर रखे गए
- Friday November 4, 2016
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महात्मा गांधी के पोते कनुभाई गांधी गंभीर रूप से बीमार हैं और उन्हें सूरत के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहां उनका इलाज चल रहा है. फिलहाल उनकी हालत गंभीर बनी हुई है जिसके चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था.
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वृद्धाश्रम में रह रहे महात्मा गांधी के पौत्र से बात की पीएम नरेंद्र मोदी ने
- Monday May 16, 2016
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प्रधानमंत्री ने दिल्ली के एक वृद्धाश्रम में सपत्नीक रह रहे महात्मा गांधी के पौत्र कनुभाई गांधी से फोन पर बात की और संस्कृति मंत्री महेश शर्मा को उनसे मिलने का निर्देश दिया। शर्मा ने कनुभाई से मुलाकात की और दक्षिण दिल्ली के गौतमपुरी में गुरु विश्राम वृद्धाश्रम में उनके साथ 45 मिनट बिताए।
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महात्मा गांधी के पोते दिल्ली के वृद्ध आश्रम में क्यों हैं?
- Sunday May 15, 2016
- Reported by: रवीश रंजन शुक्ला, Edited by: सूर्यकांत पाठक
वृद्ध आश्रम में ज्यादातर को उनके अपने ही छोड़कर चले गए। कानुभाई की तरह अब यह बुजुर्ग भी अपने बचपन को यहां जी रहे हैं। इनके लिए जिंदगी ही सवाल है...और सवाल ही अब इसका जवाब भी...।
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