प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को सफल बनाने के लिए लोगों से रविवार को ‘जनता कर्फ्यू' (Janata curfew) का हिस्सा बनने का अनुरोध किया है. मोदी ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सामाजिक दूरी बनाने के तहत रविवार को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक ‘जनता कर्फ्यू' का प्रस्ताव रखा था. प्रधानमंत्री ने टि्वटर पर लिखा, 'जनता कर्फ्यू शुरू हो रहा है. मेरी विनती है कि सभी नागरिक इस देशव्यापी अभियान का हिस्सा बनें और कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई को सफल बनाएं. हमारा संयम और संकल्प इस महामारी को परास्त करके रहेगा.'' उन्होंने कहा कि अब लिए गए कदम आने वाले वक्त में मदद करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘घर में रहें और स्वस्थ रहें.'' मोदी ने बृहस्पतिवार को देश के नाम संबोधन में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में ‘‘संयम और संकल्प'' का आह्वान करते हुए देशवासियों से रविवार को ‘जनता कर्फ्यू' का पालन करने को कहा था. उन्होंने टीवी पर प्रसारित करीब 30 मिनट के संबोधन में कोरोना वायरस के खतरे पर जोर देते हुए लोगों से घरों के भीतर रहने और जितना संभव हो सके उतना घर से काम करने के लिए कहा था. उन्होंने कहा था कि दुनिया ने इतना गंभीर संकट पहले कभी नहीं देखा.
मुंबई की सड़कों पर सन्नाटा
कभी न सोने और कभी न रुकने के लिए जानी जाने वाली मायानगरी मुंबई की सड़कें रविवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित ‘जनता कर्फ्यू' के मद्देनजर सुनसान रहीं और सार्वजिक स्थलों पर सन्नाटा है. पश्चिमी और पूर्वी एक्सप्रेस राजमार्गों और शहर की अन्य सड़कों पर आमतौर पर भारी यातायात देखने को मिलता है लेकिन कर्फ्यू को समर्थन देने क लिए लोग आज अपने घरों में ही रहे. रेलवे स्टेशनों पर भी इसी प्रकार की स्थिति थी जहां क्षमता से अधिक भीड़ वाली ट्रेनों में चढ़ने के लिए अमूमन हजारों यात्री मौजूद रहते हैं. राज्य सरकार प्राधिकारियों ने लोगों को शनिवार को सूचित किया था कि केवल आवश्यक सेवाओं में कार्यरत लोगों को ही लोकल ट्रेनों में सफर करने की अनुमति दी जाएगी और यह अनुमति भी पहचान संबंधी पत्र देखने के बाद ही मिलेगी. शहर में रविवार को सार्वजनिक परिवहन सुविधा में कटौती की गई है. लोकल ट्रेन समेत रेल सेवाओं में कटौती की गई है. शहर में रविवार को मुंबई मेट्रो और मुंबई मोनोरेल का परिचालन निलंबित है.
निजी लैब ले सकती हैं केवल 4500 रुपये
केंद्र सरकार ने शनिवार को निजी प्रयोगशालाओं को प्रत्येक कोविड-19 जांच के लिए अधिकतम मूल्य 4500 रुपये तक रखने की सिफारिश की. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से कोविड-19 जांच के मद्देनजर निजी प्रयोगशालाओं के लिए जारी दिशानिर्देश के अनुसार, एनएबीएल प्रमाणित सभी निजी प्रयोगशालाओं को यह जांच करने की अनुमति दी जाएगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार रात को यह अधिसूचित किया गया. दिशानिर्देश के मुताबिक, राष्ट्रीय कार्य बल ने सिफारिश की है कि जांच के लिए अधिकतम 4500 रुपये तक ही वसूले जा सकते हैं. संदिग्ध मामले में स्क्रीनिंग टेस्ट के लिए 1500 रुपये जबकि अतिरिक्त पुष्ट जांच के लिए तीन हजार रुपये लिए जा सकते हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि दिशानिर्देश का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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