युवक ने अपने सीने पर पीएम मोदी और शिवराज सिंह चौहान के सम्मान में टैटू बना रखा था
टीकमगढ़ (मध्य प्रदेश):
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए जरूरत से ज्यादा प्रशंसा एक युवक को महंगी पड़ गई और सेना में शामिल होने का उसका सपना टूट गया.
इस जिले में जेरोन गांव के 10वीं कक्षा पास युवक सौरभ बिलगैयान सशस्त्र बलों में जवान के तौर पर शामिल होना चाहता था, लेकिन उसके सीने पर बने टैटू 'जब तक सूरज चांद रहेगा, शिवराज मामा और नरेंद्र मोदी का नाम रहेगा' ने सेना में शामिल होने का उसका सपना चूर-चूर कर दिया.
सौरभ ने कहा, 'भले ही राजनीति में मेरी कोई रुचि नहीं है, मैं चौहान और मोदी का प्रशंसक हूं और 2013 के चुनावों के दौरान इन दो नेताओं के लिए सम्मान के तौर पर मैंने अपने सीने पर यह नारा गोदवाया.' उन्होंने कहा, 'हालांकि, जब मैं 2014 में महाराष्ट्र के विमाननगर में सेना के लिए भर्ती रैली में शामिल होने गया और लिखित परीक्षा में शामिल होने के बाद शारीरिक परीक्षण के लिए जब मैंने अपनी कमीज उतारी, भर्ती करने वाले अधिकारियों ने मुझे इस नारे की वजह से सेना के लिए अयोग्य घोषित कर दिया.'
इस युवक ने यह दावा भी किया कि गुना, अनूपपुर और शिवपुरी में भी हुई सेना की भर्ती रैलियों में मेरे साथ इसी तरह का व्यवहार किया गया. इस बीच, रिटायर्ड कर्नल वीके सैनी ने बताया, 'हम शरीर पर किसी टैटू की इजाजत नहीं देते, क्योंकि इससे युद्ध के मैदान में दुश्मन को व्यक्ति की पहचान और धर्म उजागर हो जाता है.'
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इस जिले में जेरोन गांव के 10वीं कक्षा पास युवक सौरभ बिलगैयान सशस्त्र बलों में जवान के तौर पर शामिल होना चाहता था, लेकिन उसके सीने पर बने टैटू 'जब तक सूरज चांद रहेगा, शिवराज मामा और नरेंद्र मोदी का नाम रहेगा' ने सेना में शामिल होने का उसका सपना चूर-चूर कर दिया.
सौरभ ने कहा, 'भले ही राजनीति में मेरी कोई रुचि नहीं है, मैं चौहान और मोदी का प्रशंसक हूं और 2013 के चुनावों के दौरान इन दो नेताओं के लिए सम्मान के तौर पर मैंने अपने सीने पर यह नारा गोदवाया.' उन्होंने कहा, 'हालांकि, जब मैं 2014 में महाराष्ट्र के विमाननगर में सेना के लिए भर्ती रैली में शामिल होने गया और लिखित परीक्षा में शामिल होने के बाद शारीरिक परीक्षण के लिए जब मैंने अपनी कमीज उतारी, भर्ती करने वाले अधिकारियों ने मुझे इस नारे की वजह से सेना के लिए अयोग्य घोषित कर दिया.'
इस युवक ने यह दावा भी किया कि गुना, अनूपपुर और शिवपुरी में भी हुई सेना की भर्ती रैलियों में मेरे साथ इसी तरह का व्यवहार किया गया. इस बीच, रिटायर्ड कर्नल वीके सैनी ने बताया, 'हम शरीर पर किसी टैटू की इजाजत नहीं देते, क्योंकि इससे युद्ध के मैदान में दुश्मन को व्यक्ति की पहचान और धर्म उजागर हो जाता है.'
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