
संसद में बजट पेश होने के ठीक तीन हफ्ते पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के जाने-माने अर्थशास्त्रियों से बजट के प्रारूप पर उनकी राय लेने का फैसला किया है।
योजना आयोग की जगह गठित नीति आयोग की छह फरवरी को हो रही पहली बैठक में देश के कई बड़े अर्थशास्त्रियों को आमंत्रित किया गया है। इस बैठक में प्रधानमंत्री अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालात और 28 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट पर उनसे सलाह-मश्विरा करेंगे और उनकी राय लेंगे। इस बैठक का संचालन वित्त मंत्री अरूण जेटली करेंगे।
यहां यह महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री ने अर्थशास्त्रियों को ऐसे समय पर चर्चा के लिए बुलाया है, जब वित्त मंत्रालय इस साल के बजट को अंतिम रूप देने में लगा है। जिन अर्थशास्त्रियों को इस बैठक में आमंत्रित किया गया है, उनमें आरबीआई के पूर्व गवर्नर बिमल जलान और वाई वी रेड्डी, अशोक गुलाटी, नितिन देसाई, पार्थासारथी शोम, राजीव लाल, शंकर आचार्या, आरबीआई के पूर्व डिप्यूटी गवर्नर सुबीर गोकर्न, टी एन नायनन और स्वामीनाथन अंकलेश्वर अय्यर प्रमुख हैं।
बैठक में नीति आयोग के वाइस चेयरमेन डॉ. अरविंद पनगढ़िया, आयोग के सभी सदस्यों के अलावा पीएमओ और वित्त मंत्रालय के कई बड़े अधिकारी मौजूद रहेंगे।
इसके साथ ही, प्रधानमंत्री ने 8 फरवरी को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की पहली बैठक भी बुलाई है। इसमें कई महत्वपूर्ण राज्यों के मुख्यमंत्री भाग लेंगे। इस अहम बैठक में संघीय ढांचे को मज़बूत करने के विकल्पों और केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर संवाद बनाने पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
भारत सरकार ने स्वच्छत्ता मिशन, मेक इन इंडिया कैंपेन, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के साथ-साथ डिजिटल इंडिया जैसी बड़ी योजनाओं को प्रभावी बनाने के लिए राज्यों से सलाह और समर्थन मांगा है।
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