प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को देश के छह करोड़ किसानों को पीएम-किसान सम्मान निधि के तहत दिसंबर महीने की किस्त के रूप में 12,000 करोड़ रुपये जारी कर उन्हें नए साल का तोहफा देंगे, लेकिन पश्चिम बंगाल के किसान इस योजना का लाभ पाने से वंचित रह जाएंगे क्योंकि वहां के किसान अब तक पीएम-किसान सम्मान निधि योजना से नहीं जुड़ पाए हैं. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के एक सूत्र ने बुधवार को आईएएनएस बताया कि प्रधानमंत्री गुरुवार को तुमकूर में आयोजित एक कार्यक्रम में इस निधि को किसानों के खाते में भेजेंगे. गौरतलब है कि पीएम किसान समान निधि के लाभार्थी किसानों को दिसंबर महीने में मिलने वाली 2,000 रुपयों की किस्त नहीं मिली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंदीदा योजना पीएम-किसान सम्मान निधि का लाभ देशभर के किसान उठा रहे हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल के 70 लाख किसान इस लाभ से वंचित हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की इस योजना पर आपत्ति के कारण प्रदेश में यह योजना अब तक लागू नहीं हो पाई है. ममता बनर्जी इस योजना की मुखर आलोचक बनी हुई हैं, इसलिए वह अपने राज्य में इसे लागू होने देने के पक्ष में नहीं हैं.
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इस तरह केंद्र और राज्य सरकार की इस तकरार में पश्चिम बंगाल के गरीब किसान पिस रहे हैं, जो पीमए-किसान योजना के लाभ से वंचित हैं. प्रदेश के किसानों की इस योजना में दिलचस्पी ऐसी है कि केंद्र सरकार द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि पोर्टल पर किसानों को खुद ऑनलाइन पंजीयन करने का विकल्प देने के बाद प्रदेश के 45,000 किसानों ने इस पर अपना पंजीयन करवा लिया है. पंजीकृत किसानों को पीएम-किसान सम्मान निधि का लाभ तभी मिल पाएगा, जब प्रदेश सरकार द्वारा इनके पात्र लाभार्थी होने का सत्यापन किया जाएगा. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव व पीएम-किसान के सीईओ विवेक अग्रवाल बताते हैं कि पीएम-किसान सम्मान निधि पोर्टल पर पंजीकृत किसानों के विवरण राज्य सरकारों के पास भेजे जाते हैं, जहां से आधार व भू-राजस्व के रिकॉर्ड की जांच के बाद उनकी पात्रता की जांच की जाती है. जांच की इन प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद ही पात्र किसानों के खाते में पीएम-किसान योजना की राशि का हस्तांतरण किया जाता है. ऐसे में पश्चिम बंगाल के किसानों को पीएम-किसान का फायदा तभी मिल पाएगा, जब राज्य सरकार उनकी पात्रता का सत्यापन करेगी.
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पीएम-किसान सम्मान निधि में एक किसान परिवार को सालाना 6,000 रुपये सीधे हस्तांतरित किया जाता है. तीन किस्तों में इस राशि का भुगतान किया जाता है और प्रत्येक किस्त की राशि 2,000 रुपये होती है. किसानों को इस योजना का लाभ पिछले साल दिसंबर महीने से ही दिया जा रहा है. मगर, किसान जब इस योजना से जुड़ते हैं और इसके तहत अपना पंजीकरण करवाते हैं, उसी समय से उनको योजना का लाभ मिलता है. ऐसे में पश्चिम बंगाल के किसान अब तक तीन किस्तों यानी 6,000 रुपये का लाभ पाने से वंचित रह गए हैं. केंद्र सरकार ने 29 दिसंबर तक करीब 9.2 करोड़ किसानों का डाटा संग्रह किया है. उत्तर प्रदेश में कुल 2.4 करोड़ किसान हैं, जिनमें से 2 करोड़ किसानों का डाटा संग्रह किया गया है. गौरतलब है कि पिछले साल तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अपने अंतरिम बजट में इस डायरेक्ट-बेनेफिट ट्रांसफर स्कीम की घोषणा की थी.
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