यह ख़बर 04 जून, 2014 को प्रकाशित हुई थी

पीएम मोदी ने नीतिगत प्राथमिकताएं तय करने के लिए सचिवों के साथ बैठक की

पीएम नरेंद्र मोदी की फाइल तस्वीर

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रशासन का अपना एजेंडा तय करने तथा अपनी अपेक्षाओं को रेखांकित करने के लिए बुधवार को सभी सरकारी विभागों के सचिवों के साथ बैठक की।

यह बैठक मंगलवार को होनी थी, लेकिन ग्रामीण विकास मंत्री गोपीनाथ मुंडे के आकस्मिक निधन के कारण इसे एक दिन के लिए टाल दिया गया। यह बैठक कुछ मुख्यमंत्रियों की उस कार्यशैली के अनुरूप बुलाई गई, जिसके तहत वे नौकरशाहों से सीधे संवाद करते हैं। पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रियों की अनुपस्थिति में सीधे सचिवों से मुलाकात की।

मोदी ने पिछले सप्ताह ही मंत्रियों से कहा था कि वे अपने विभागों के लिए 100 दिन का एजेंडा तैयार करें। ऐसा माना जाता है कि आज की इस बैठक में उन्होंने अपनी नीतिगत प्राथमिकताओं की एक झलक सचिवों की दी। सूत्रों ने कहा कि यह बैठक एक संवाद जैसी रही जिसमें क्षेत्रवार प्राथमिकताएं सूचीबद्ध की गईं।

इस बैठक में देश के 77 आला अफसर मौजूद थे, जिनमें वित्त सचिव अरविंद मायाराम, गृह सचिव अनिल गोस्वामी, रक्षा सचिव राधाकृष्ण माथुर तथा विदेश सचिव सुजाता सिंह शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि संबद्ध मंत्रालयों को एक साथ कर 16 समूह बनाए गए हैं। वित्त मंत्रालय के सभी विभागों को एक साथ किया गया है, जबकि ऊर्जा से जुड़े विभागों - बिजली, कोयला, तेल, खान व परमाणु ऊर्जा को एक साथ रखा गया है।

इससे पहले, सचिवों से कहा गया था कि वे प्रधानमंत्री के समक्ष रखने के लिए 10 स्लाइड का प्रस्तुतिकरण तैयार करें, जिनमें पिछली सरकार की सफलताएं व विफलताओं के साथ-साथ अगले पांच साल में अपेक्षित कदमों का जिक्र हो। सूत्रों ने हालांकि, कहा है कि व्यक्तिगत स्तर पर प्रस्तुति बाद में होगी। बुधवार की बैठक में बातचीत पर जोर रहा।

वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के बैठक के लिए तैयार किए गए नोट में मुद्रास्फीति, राजकोषीय समेकन, चालू खाते के घाटे को नियंत्रित करना, कर प्रशासन में स्पष्टता और इस्पात, सीमेंट जैसे गैर-प्रमुख क्षेत्रों में विनिवेश शामिल है। वाणिज्य सचिव राजीव खेर के एजेंडे में रक्षा, ई-वाणिज्य खुदरा क्षेत्र, रेलवे और निर्माण विकास और भूमि अधिग्रहण में आने वाली रुकावटें तथा परियोजनाओं को मंजूरी देने की जटिल प्रक्रिया जैसे मुद्दे सबसे ऊपर हैं।

कृषि सचिव आशीष बहुगुणा के नोट में मॉनसून की ताजा जानकारी और फसल खराब होने पर किसानों के हित साधने के लिए एक नई बीमा नीति प्रमुख रूप से शामिल किए गए हैं। उपभोक्ता मामले विभाग ने प्याज की बढ़ती कीमतें को लेकर चिंता को सबसे शीर्ष पर रखा है। पेट्रोलियम मंत्रालय की सूची में लंबित फैसलों पर अमल को रखा गया है। एक अप्रैल से प्राकृतिक गैस के दाम में होने वाली मूल्य वृद्धि का मामला भी इसमें शामिल है।

बिजली मंत्रालय ने 24 घंटे बिजली आपूर्ति को अपने एजेंडे में रखा है और ईंधन की कमी को दूर करना एजेंडे में शीर्ष पर है। इस्पात और खान मंत्रालय के एजेंडे में सेल जैसे सार्वजनिक उपक्रमों में विनिवेश और बंद खानों को खोलने पर जोर दिया गया है।


Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com