यह ख़बर 11 अक्टूबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

पीएम ने गुजरात के महत्व को नहीं समझा, ब्रिटेन ने समझा : नरेंद्र मोदी

खास बातें

  • ब्रिटेन की सरकार ने नरेंद्र मोदी का एक दशक तक बहिष्कार करने के बाद अपनी नीति में परिवर्तन का ऐलान करते हुए कहा है कि वह इस भारतीय प्रांत के साथ रिश्तों को बहाल करेगा।
लंदन:

गुजरात के साथ साझेदारी फिर से शुरू करने के ब्रिटेन की सरकार के फैसले से उत्साहित राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार ने ब्रिटेन की तरह उनके राज्य की अहमियत को नहीं समझा।

पावागढ़ में एक रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने 2002 के गुजरात दंगों के बाद 10 साल तक उनके राज्य के बहिष्कार को समाप्त किये जाने के ब्रिटेन के फैसले को महत्वपूर्ण और ‘देर आए दुरुस्त आए’ कहा है।

मोदी ने दिसंबर में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले अपनी विवेकानंद युवा विकास यात्रा के अंतिम दिन रैली में कहा कि भाजपा गुजरात को कांग्रेस के हाथों में नहीं जाने देगी।

उत्साहित दिख रहे मोदी ने सभा में कहा, ‘‘उन्होंने (ब्रिटेन ने) 10 साल से गुजरात से कोई रिश्ता नहीं रखा था और आज उन्हें गुजरात की अहमियत समझ में आई। दिल्ली में मनमोहन सिंह सरकार ने समझा या नहीं लेकिन ब्रिटिश सरकार ने गुजरात के साथ रिश्ता बनाए रखने की जरूरत समझी।’’ इससे पहले मोदी ने ब्रिटेन के विदेश मंत्री ह्यूगो स्वायर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया था, ‘‘देर आए दुरुस्त आए।’’ उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘‘मैं गुजरात के साथ सक्रिय साझेदारी और रिश्तों के ब्रिटिश सरकार के कदम का स्वागत करता हूं। भगवान महान है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘आज ब्रिटिश सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला किया। देर आए दुरुस्त आए। दस साल पहले 2003 में उन्होंने गुजरात के साथ कूटनीतिक रिश्ते नहीं रखने का फैसला किया था। गुजरात में आज सबसे ज्यादा निवेश ब्रिटेन का है। और जब ब्रिटिश लोगों ने गुजरात के साथ रिश्ते नहीं रखने का फैसला किया था तो यूरोप भी इसी रास्ते पर चला।’’ भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी, छत्तीसगढ़ और गोवा के मुख्यमंत्री रमन सिंह और मनोहर पार्रिकर भी रैली में मौजूद थे।

मोदी ने कहा, ‘‘मैं गर्व से कहता हूं कि दिल्ली में सौ देशों के नेता एक मंच पर एक साथ नहीं आए। लेकिन ‘वाइब्रेंट गुजरात समिट’ में 120 से ज्यादा देशों के नेता एक साथ आए हैं।’’ उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली की (केन्द्र) सरकार हमारे साथ होती तो भारत का नाम बहुत ऊंचा होता और गुजरात की जनता को वे दिक्कतें नहीं सहनी पड़ती जो वह आज सह रही है।

संप्रग सरकार पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हमला बोलते हुए मोदी ने उपस्थित लोगों को याद दिलाया कि आज जय प्रकाश नारायण की जयन्ती है। उन्होंने कहा कि जय प्रकाश नारायण ने 1975 में भ्रष्ट सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाया था..आज देश को एक और जय प्रकाश की जरूरत है जो भ्रष्ट सरकार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाए और दिल्ली की भ्रष्ट सरकार को बाहर करके उन्हें सबक सिखाए।

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संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि अगर सोनिया जी भी गुजरात 50 या इससे अधिक बार आ जाएं, वह गुजरात में जीतने वाली नहीं हैं। गुजरात भ्रष्ट लोगों के हाथों में नहीं दिया जा सकता।’’