केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)
पेलिंग (सिक्किम):
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा, ‘‘कश्मीर हमारा है. कश्मीरी हमारे हैं और कश्मीरियत भी हमारी है.’’ उन्होंने कहा कि मोदी सरकार कश्मीर मसले का ‘स्थायी समाधान’ निकालेगी. गृह मंत्री ने यह बयान जम्मू कश्मीर में जारी अशांति के बीच दिया है. सिक्किम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सिंह ने पाकिस्तान पर कश्मीर में संकट पैदा करके भारत को ‘अस्थिर करने’ का प्रयास करने का आरोप लगाया. उन्होंने विस्तृत जानकारी दिये बगैर कहा, ‘‘लेकिन मैं आप सबसे कहना चाहता हूं कि हमारी सरकार कश्मीर मुद्दे का स्थायी समाधान निकालेगी.’’
कश्मीर घाटी पिछले साल जुलाई में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से हिंसा के चपेट में है. बीच में कुछ शांति रही लेकिन नौ अप्रैल को श्रीनगर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के समय बड़े पैमाने पर हिंसा हुई जिसमें सुरक्षाबलों की गोलियों से आठ लोग मारे गये थे. इसमें मतदान प्रतिशत मात्र 7.14 प्रतिशत रहा था. चुनाव आयोग को 12 अप्रैल को अनंतनाग लोकसभा सीट पर उपचुनाव को कश्मीर की स्थिति को देखते हुए स्थगित करना पड़ा था. बड़ी संख्या में छात्रों ने सड़कों पर उतरकर सुरक्षाबलों द्वारा कथित अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन किया था.
मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी देशों के नेताओं को आमंत्रित करना इस बात का संकेत था कि नई सरकार सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखना चाहती है. उन्होंने कहा कि हालांकि भारत के प्रति पाकिस्तान के रुख में कोई बदलाव नहीं आया और वह भारत को अस्थिर करना चाहता है. उन्होंने कहा, ‘हमें आशा है कि पाकिस्तान बदल जाएगा. अगर वह नहीं बदलता है तो हमें उन्हें बदलना होगा. वैश्वीकरण के बाद, एक देश दूसरे देश को अस्थिर नहीं कर सकता क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे नहीं भूलेगा.’
गृह मंत्री सिक्किम के तीन दिन के दौरे पर हैं, इस दौरान उन्होंने हिमालय पर बसे राज्यों के सम्मेलन में शामिल होकर भारत चीन सीमा पर सुरक्षा स्थिति और विकास कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने नाथू ला सीमा चौकी के अलावा भारत चीन एवं भारत नेपाल सीमाओं पर क्रमश: भारत तिब्बत सीमा पुलिस और एसएसबी की कुछ चौकियों का भी दौरा किया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कश्मीर घाटी पिछले साल जुलाई में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद से हिंसा के चपेट में है. बीच में कुछ शांति रही लेकिन नौ अप्रैल को श्रीनगर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के समय बड़े पैमाने पर हिंसा हुई जिसमें सुरक्षाबलों की गोलियों से आठ लोग मारे गये थे. इसमें मतदान प्रतिशत मात्र 7.14 प्रतिशत रहा था. चुनाव आयोग को 12 अप्रैल को अनंतनाग लोकसभा सीट पर उपचुनाव को कश्मीर की स्थिति को देखते हुए स्थगित करना पड़ा था. बड़ी संख्या में छात्रों ने सड़कों पर उतरकर सुरक्षाबलों द्वारा कथित अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन किया था.
मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी देशों के नेताओं को आमंत्रित करना इस बात का संकेत था कि नई सरकार सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखना चाहती है. उन्होंने कहा कि हालांकि भारत के प्रति पाकिस्तान के रुख में कोई बदलाव नहीं आया और वह भारत को अस्थिर करना चाहता है. उन्होंने कहा, ‘हमें आशा है कि पाकिस्तान बदल जाएगा. अगर वह नहीं बदलता है तो हमें उन्हें बदलना होगा. वैश्वीकरण के बाद, एक देश दूसरे देश को अस्थिर नहीं कर सकता क्योंकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे नहीं भूलेगा.’
गृह मंत्री सिक्किम के तीन दिन के दौरे पर हैं, इस दौरान उन्होंने हिमालय पर बसे राज्यों के सम्मेलन में शामिल होकर भारत चीन सीमा पर सुरक्षा स्थिति और विकास कार्यों की समीक्षा की. उन्होंने नाथू ला सीमा चौकी के अलावा भारत चीन एवं भारत नेपाल सीमाओं पर क्रमश: भारत तिब्बत सीमा पुलिस और एसएसबी की कुछ चौकियों का भी दौरा किया.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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