शरद यादव (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
जनता दल युनाइटेड (जद-यू) के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा है कि पटेल समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत आरक्षण देने की मांग न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार को खुद सामने आकर इस मांग को सिरे से खारिज कर देना चाहिए।
शरद ने कहा, "सत्तारूढ़ पार्टी यह कहने के लिए अभी तक आगे नहीं आई है कि पटेलों को आरक्षण की मांग तर्कसंगत नहीं है। इसे बदलने की तो बात ही छोड़िए, कोई भी पार्टी आरक्षण नीति की प्रासंगिकता पर बहस शुरू करने का खतरा नहीं मोल ले सकती है।"
उन्होंने कहा, "सरकार सिक्के के दोनों पहलू को नहीं जीत सकती। उसे पटेल आरक्षण की मांग को सिरे से खारिज कर देना चाहिए न कि देश में इस मुद्दे पर कटुतापूर्ण माहौल बनने देना चाहिए।"
जद-यू अध्यक्ष ने कहा, "पटेलों का आंदोलन अनुचित और गलत है। इस समुदाय की हालत अच्छी है। इन्हें आरक्षण के लिए कोई आंदोलन शुरू ही नहीं करना चाहिए था।"
उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर बेरोजगारी की वजह से पटेल जैसे लोग भी आरक्षण मांगने लगे हैं।
शरद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में 42 बड़े वादे किए थे। इसमें हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देना भी था। मुझे लगता है कि अधिकांश वादों को अभी तक छुआ नहीं गया है। वादे के मुताबिक सरकार को सालाना दो करोड़ रोजगार युवाओं को देने चाहिए। ऐसा नहीं होने पर देश के युवा हाथ से निकल जाएंगे।"
उन्होंने कहा कि दलों को झूठे वादों से बचना चाहिए। इससे लोगों का प्रजातंत्र में विश्वास घटता है। लोग पहले से ही नेताओं में विश्वास खो रहे हैं।
जद-यू अध्यक्ष ने पटेल समुदाय के नेता हार्दिक पटेल को 'अपरिपक्व' बताया।
शरद ने कहा, "सत्तारूढ़ पार्टी यह कहने के लिए अभी तक आगे नहीं आई है कि पटेलों को आरक्षण की मांग तर्कसंगत नहीं है। इसे बदलने की तो बात ही छोड़िए, कोई भी पार्टी आरक्षण नीति की प्रासंगिकता पर बहस शुरू करने का खतरा नहीं मोल ले सकती है।"
उन्होंने कहा, "सरकार सिक्के के दोनों पहलू को नहीं जीत सकती। उसे पटेल आरक्षण की मांग को सिरे से खारिज कर देना चाहिए न कि देश में इस मुद्दे पर कटुतापूर्ण माहौल बनने देना चाहिए।"
जद-यू अध्यक्ष ने कहा, "पटेलों का आंदोलन अनुचित और गलत है। इस समुदाय की हालत अच्छी है। इन्हें आरक्षण के लिए कोई आंदोलन शुरू ही नहीं करना चाहिए था।"
उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर बेरोजगारी की वजह से पटेल जैसे लोग भी आरक्षण मांगने लगे हैं।
शरद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "भाजपा ने अपने चुनाव घोषणापत्र में 42 बड़े वादे किए थे। इसमें हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देना भी था। मुझे लगता है कि अधिकांश वादों को अभी तक छुआ नहीं गया है। वादे के मुताबिक सरकार को सालाना दो करोड़ रोजगार युवाओं को देने चाहिए। ऐसा नहीं होने पर देश के युवा हाथ से निकल जाएंगे।"
उन्होंने कहा कि दलों को झूठे वादों से बचना चाहिए। इससे लोगों का प्रजातंत्र में विश्वास घटता है। लोग पहले से ही नेताओं में विश्वास खो रहे हैं।
जद-यू अध्यक्ष ने पटेल समुदाय के नेता हार्दिक पटेल को 'अपरिपक्व' बताया।
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