इंदौर:
सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की ‘त्रिमूर्ति’ 25 और 26 अप्रैल की दरम्यानी रात भारत को आंशिक चंद्रग्रहण का रोमांचक दृश्य दिखाएगी। इस खगोलीय घटना से मौजूदा वर्ष में ग्रहणों का सिलसिला शुरू होगा।
उज्जैन की प्रतिष्ठित जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्रप्रकाश गुप्त ने भारतीय संदर्भ में की गई कालगणना के हवाले से आज बताया कि आंशिक चंद्रग्रहण की शुरुआत 25 और 26 अप्रैल की दरम्यानी रात एक बजकर 22 मिनट पर होगी।
उन्होंने बताया कि रात एक बजकर 38 मिनट पर आंशिक चंद्रग्रहण अपनी चरम स्थिति में पहुंच जाएगा, जब चंद्रमा का करीब 20 फीसद हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढका नजर आएगा।
तकरीबन दो सदी पुरानी वैधशाला के अधीक्षक के मुताबिक रात एक बजकर 53 मिनट पर आंशिक चंद्रग्रहण समाप्त हो जायेगा। यह इस साल का पहला ग्रहण होगा।
गुप्त ने बताया कि आंशिक चंद्रग्रहण का 31 मिनट लम्बा नजारा देशभर में देखा जा सकेगा।
आंशिक चंद्रग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा का एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में छिपने के कारण कुछ देर के लिये सूर्य की रोशनी से महरूम हो जाता है। हालांकि, यह तभी होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा सीधी रेखा में हों।
उज्जैन की प्रतिष्ठित जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्रप्रकाश गुप्त ने भारतीय संदर्भ में की गई कालगणना के हवाले से आज बताया कि आंशिक चंद्रग्रहण की शुरुआत 25 और 26 अप्रैल की दरम्यानी रात एक बजकर 22 मिनट पर होगी।
उन्होंने बताया कि रात एक बजकर 38 मिनट पर आंशिक चंद्रग्रहण अपनी चरम स्थिति में पहुंच जाएगा, जब चंद्रमा का करीब 20 फीसद हिस्सा पृथ्वी की छाया से ढका नजर आएगा।
तकरीबन दो सदी पुरानी वैधशाला के अधीक्षक के मुताबिक रात एक बजकर 53 मिनट पर आंशिक चंद्रग्रहण समाप्त हो जायेगा। यह इस साल का पहला ग्रहण होगा।
गुप्त ने बताया कि आंशिक चंद्रग्रहण का 31 मिनट लम्बा नजारा देशभर में देखा जा सकेगा।
आंशिक चंद्रग्रहण तब होता है, जब चंद्रमा का एक हिस्सा पृथ्वी की छाया में छिपने के कारण कुछ देर के लिये सूर्य की रोशनी से महरूम हो जाता है। हालांकि, यह तभी होता है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा सीधी रेखा में हों।
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