नई दिल्ली: आगामी सोमवार से शुरू हो रहा संसद का सत्र हंगामेदार रहने की संभावना है, क्योंकि विपक्षी दल उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के विरुद्ध आपस में हाथ मिला चुका है।
वैसे सरकार ने लोकसभा में 13 और राज्यसभा में 11 विधेयकों को पारित होने समेत इस सत्र के लिए बड़ा एजेंडा सूचीबद्ध किया है, लेकिन जीएसटी जैसे विवादास्पद विधेयकों पर शुरुआती दिनों में चर्चा संभव प्रतीत नहीं हो रही।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने संसद के सुचारू रूप से कामकाज सुनिश्चित करने के लिए रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।
सत्र उत्तराखंड के राजनीतिक संकट को लेकर उठे विवादों के बीच शुरू हो रहा है। इस संकट में केंद्र की भूमिका की आलोचना हो रही है। इसके अलावा केंद्र दस राज्यों में सूखा जैसी स्थिति को लेकर भी निशाने पर है।
कई विपक्षी दलों ने सत्र के पहले दिन ही उत्तराखंड मुद्दे पर प्रश्नकाल स्थगित करने का नोटिस दिया और पहले हफ्ते में ही सूखे पर चर्चा की भी मांग की है।
राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने उत्तराखंड की लोकतांत्रिक ढंग से निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने की निंदा करने वाले प्रस्ताव उच्च सदन से पारित किए जाने की मांग की है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी पार्टी के कुछ खास नेताओं के साथ उत्तराखंड पर रणनीति बैठक में सुझाव दिया कि पार्टी को इस मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाना चाहिए। कांग्रेस और कई मुद्दों पर सरकार को घेरेगी।
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