
नई दिल्ली:
खाद्य सुरक्षा बिल पर आज संसद में बहस हो सकती है। इस बिल पर बहस के लिए छह घंटे रखे गए हैं, लेकिन अलग−अलग पार्टियों के कई सारे संशोधनों को देखते हुए बहस लंबी भी खिच सकती है।
बीजेपी की मांग है कि छत्तीसगढ़ की तर्ज पर बिल व्यापक हो और 35 किलो अनाज प्रति परिवार मिले। साथ ही अनाज उत्पादकता को सुनिश्चित किया जाए ताकि देश में अनाज की कमी न हो।
लेफ्ट पार्टियों की मांग है कि जो व्यक्ति आयकर की सीमा में नहीं आते उन सबको बिल के दायरे में लाया जाए। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती सैद्धांतिक रूप से बिल के पक्ष में हैं। वहीं सपा भी राजनैतिक कारणों से इसका लगातार विरोध कर रही है। सपा किसानों के मुद्दे का हवाला देकर इसमें बदलाव की मांग कर रही है।
बीजेपी की मांग है कि छत्तीसगढ़ की तर्ज पर बिल व्यापक हो और 35 किलो अनाज प्रति परिवार मिले। साथ ही अनाज उत्पादकता को सुनिश्चित किया जाए ताकि देश में अनाज की कमी न हो।
लेफ्ट पार्टियों की मांग है कि जो व्यक्ति आयकर की सीमा में नहीं आते उन सबको बिल के दायरे में लाया जाए। बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती सैद्धांतिक रूप से बिल के पक्ष में हैं। वहीं सपा भी राजनैतिक कारणों से इसका लगातार विरोध कर रही है। सपा किसानों के मुद्दे का हवाला देकर इसमें बदलाव की मांग कर रही है।
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