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This Article is From Jul 26, 2012

200 रुपये नहीं दे पाए तो अस्पताल ने रोक दीं बच्ची की सांसें

जालंधर: पंजाब के जालंधर के सिविल अस्पताल से एक ऐसी घटना सामने आई है जिससे एक बार फिर आपका भरोसा सरकारी अस्पतालों से उठ जाएगा। इस अस्पताल में एक नवजात बच्ची की जान इसलिए चली गई क्योंकि बच्ची को पैदा होने के बाद लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था लेकिन इस सिस्टम की 200 रुपये फीस बच्ची के माता−पिता जमा नहीं करा पाए जिसकी वजह से अस्पताल प्रशासन ने बच्ची को लाइफ सपोर्ट सिस्टम से हटा दिया और बच्ची की मौत हो गई।

बच्ची के पिता संजीव का कहना है कि वह दिहाड़ी मजदूर है इसलिए उसके पास उस वक्त पैसे नहीं थेष उसने अस्पताल में मौजूद लोगों से भी मदद की गुहार की लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। संजीव का कहना है कि उसके बच्चे की मौत नहीं हुई है बल्कि अस्पताल प्रशासन ने उसकी हत्या की है। वहीं अस्पताल के एसएमओ महिन्दर सिंह ने इसमें अस्पताल की जिम्मेदारी होने से इनकार कर दिया है और अब वह मामले की जांच कराने की बात कह रहे हैं।

दरअसल, हमारे विकास की हकीकत यही है। कानून बनाने वाले लोग जीडीपी और विकास के अरबों−खरबों के आंकड़ों में उलझे रहते हैं और जमीनी हकीकत ये है कि 200 रुपये के लिए एक नवजात बच्ची की जान चली जाती है।

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