कोलकाता:
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के तीसरे चरण में शुक्रवार को मतदान के दौरान हुई हिंसा में एक किशोर सहित तीन लोगों की मौत हो गई। इस चरण में 70 से 74 फीसदी तक मतदान हुआ।
दक्षिण 24 परगना जिले में हुई हिंसा में दो लोगों की मौत होने की खबर है, जबकि उत्तरी 24 परगना में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि शाम पांच बजे तक उत्तरी 24 परगना में 74.45 प्रतिशत, हावड़ा में 70.25 प्रतिशत तथा दक्षिणी 24 परगना में 70 प्रतिशत मतदान हुआ।
उत्तरी 24 परगना के अमडांगा ब्लॉक के बोडाई में मतदान के लिए कतार में खड़े लोगों पर बम फेंका गया, जिसमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक समर्थक मदरबक्श मलिक की मौत हो गई।
दक्षिणी 24 परगना के उष्ठी थानांतर्गत लक्ष्मीकांतपुर गांव में हुई हिंसा के दौरान तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता सनत रॉय की मौत हो गई। इसी जिले के घुटारी शरीफ में एक किशोर का शव बरामद हुआ।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने 'पूरी तरह स्वतंत्र एवं निष्पक्ष' मतदान होने का दावा किया और हिंसा के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया।
तृणमूल महासचिव मुकुल रॉय ने कहा, "2003 और 2008 में पंचायत चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में लोग हिंसा के शिकार हुए थे।"
उधर, विपक्षी दलों ने तृणमूल पर चुनाव में धांधली और बूथों पर कब्जा करने के आरोप लगाए। कथित धांधली के विरोध में माकपा कार्यकर्ताओं ने उत्तरी 24 परगना में कई जगह रेल रोकी और सड़क जाम कर दी। उन्हें केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों और राज्य की सशस्त्र पुलिस ने खदेड़ दिया।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य एवं विपक्ष के नेता सूर्यकांत मिश्र ने कहा कि मतदान के दौरान केंद्रीय बलों के जवान कहीं दिखाई नहीं दिए। उन्होंने कहा, "राज्य सरकार ने लोकतंत्र के विरुद्ध युद्ध घोषित किया था। लगता है, उसका युद्ध शुरू हो चुका है, उसके आतंक के बावजूद लोगों ने मतदान किया।"
राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने हालांकि हिंसा के लिए पूरी तरह राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
तीसरे चरण के तहत उत्तरी 24 परगना, दक्षिणी 24 परगना और हावड़ा जिलों में ग्राम परिषदों के करीब 13,000 प्रतिनिधियों का निर्वाचन होना है।
हावड़ा जिले में उदयनारायणपुर के एक मतदान केंद्र पर बम फेंका गया। उत्तरी 24 परगना जिले के बिलकांडा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक चुनाव एजेंट को बुरी तरह पीटा गया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
पुलिस का दावा है कि हिंसा की कोई बड़ी वारदात नहीं हुई है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बनी ब्रत बसु ने कहा, "छोटी घटनाएं हुई हैं।"
माकपा ने तृणमूल कांग्रेस पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए उत्तरी 24 परगना जिले में डनलप एवं नैहटी में सड़क जाम कर दिया और श्यामनगर रेलवे स्टेशन बंद कर दिया। तृणमूल ने हालांकि माकपा के आरोपों से इंकार किया है।
तीसरे चरण के मतदान के लिए करीब एक करोड़ मतदाताओं ने 12,656 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
चुनाव मैदान में 37,500 से अधिक उम्मीदवार हैं। मुख्य मुकाबला तृणमूल कांग्रेस तथा विपक्षी वाम मोर्चे के बीच है।
चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। 50,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है, जिनमें राज्य पुलिस के जवानों के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षा बल भी हैं।
पहले दो चरण के तहत 11 जुलाई और 15 जुलाई को मतदान हुए थे। अगले चरण का मतदान 22 जुलाई और 25 जुलाई को होगा, जबकि मतगणना 29 जुलाई को होगी।
दक्षिण 24 परगना जिले में हुई हिंसा में दो लोगों की मौत होने की खबर है, जबकि उत्तरी 24 परगना में एक व्यक्ति की मौत हो गई।
राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि शाम पांच बजे तक उत्तरी 24 परगना में 74.45 प्रतिशत, हावड़ा में 70.25 प्रतिशत तथा दक्षिणी 24 परगना में 70 प्रतिशत मतदान हुआ।
उत्तरी 24 परगना के अमडांगा ब्लॉक के बोडाई में मतदान के लिए कतार में खड़े लोगों पर बम फेंका गया, जिसमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक समर्थक मदरबक्श मलिक की मौत हो गई।
दक्षिणी 24 परगना के उष्ठी थानांतर्गत लक्ष्मीकांतपुर गांव में हुई हिंसा के दौरान तृणमूल कांग्रेस के एक कार्यकर्ता सनत रॉय की मौत हो गई। इसी जिले के घुटारी शरीफ में एक किशोर का शव बरामद हुआ।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने 'पूरी तरह स्वतंत्र एवं निष्पक्ष' मतदान होने का दावा किया और हिंसा के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया।
तृणमूल महासचिव मुकुल रॉय ने कहा, "2003 और 2008 में पंचायत चुनाव के दौरान बड़ी संख्या में लोग हिंसा के शिकार हुए थे।"
उधर, विपक्षी दलों ने तृणमूल पर चुनाव में धांधली और बूथों पर कब्जा करने के आरोप लगाए। कथित धांधली के विरोध में माकपा कार्यकर्ताओं ने उत्तरी 24 परगना में कई जगह रेल रोकी और सड़क जाम कर दी। उन्हें केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों और राज्य की सशस्त्र पुलिस ने खदेड़ दिया।
माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य एवं विपक्ष के नेता सूर्यकांत मिश्र ने कहा कि मतदान के दौरान केंद्रीय बलों के जवान कहीं दिखाई नहीं दिए। उन्होंने कहा, "राज्य सरकार ने लोकतंत्र के विरुद्ध युद्ध घोषित किया था। लगता है, उसका युद्ध शुरू हो चुका है, उसके आतंक के बावजूद लोगों ने मतदान किया।"
राज्य निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने हालांकि हिंसा के लिए पूरी तरह राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
तीसरे चरण के तहत उत्तरी 24 परगना, दक्षिणी 24 परगना और हावड़ा जिलों में ग्राम परिषदों के करीब 13,000 प्रतिनिधियों का निर्वाचन होना है।
हावड़ा जिले में उदयनारायणपुर के एक मतदान केंद्र पर बम फेंका गया। उत्तरी 24 परगना जिले के बिलकांडा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक चुनाव एजेंट को बुरी तरह पीटा गया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया।
पुलिस का दावा है कि हिंसा की कोई बड़ी वारदात नहीं हुई है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बनी ब्रत बसु ने कहा, "छोटी घटनाएं हुई हैं।"
माकपा ने तृणमूल कांग्रेस पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए उत्तरी 24 परगना जिले में डनलप एवं नैहटी में सड़क जाम कर दिया और श्यामनगर रेलवे स्टेशन बंद कर दिया। तृणमूल ने हालांकि माकपा के आरोपों से इंकार किया है।
तीसरे चरण के मतदान के लिए करीब एक करोड़ मतदाताओं ने 12,656 मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
चुनाव मैदान में 37,500 से अधिक उम्मीदवार हैं। मुख्य मुकाबला तृणमूल कांग्रेस तथा विपक्षी वाम मोर्चे के बीच है।
चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। 50,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है, जिनमें राज्य पुलिस के जवानों के साथ-साथ केंद्रीय सुरक्षा बल भी हैं।
पहले दो चरण के तहत 11 जुलाई और 15 जुलाई को मतदान हुए थे। अगले चरण का मतदान 22 जुलाई और 25 जुलाई को होगा, जबकि मतगणना 29 जुलाई को होगी।
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