विज्ञापन
This Article is From Dec 12, 2019

नागरिकता विधेयक बिल के पास होने पर दिल्ली में रह रहे पाकिस्तानी हिंदुओं ने मनाया जश्न, कहा-अब हम पक्षी की तरह उड़ सकेंगे

मीरा ने भी लोकसभा में विधेयक के पारित होने की मन्नत मांगी थी और उस दिन उपवास रखा था. उन्होंने कहा कि सुरक्षित पनाहगाह की तलाश में हम आठ साल पहले भारत आए थे. यह हमारा एकमात्र घर है लेकिन नागरिकता नहीं मिलने की वजह से हम दुखी थे.

नागरिकता विधेयक बिल के पास होने पर दिल्ली में रह रहे पाकिस्तानी हिंदुओं ने मनाया जश्न, कहा-अब हम पक्षी की तरह उड़ सकेंगे
राज्यसभा में नागरिकता बिल पास (प्रतीकात्मक चित्र)
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
लंबे समय से दिल्ली में रह रहे हैं यह हिंदू
भारत की नागरिकता मिलने की जगी उम्मीद
राज्यसभा में पास हुआ नागरिकता बिल
नई दिल्ली:

राज्यसभा से नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित होते ही दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में वर्षों से रहे पाकिस्तानी हिंदुओं की बस्ती में उत्सव का माहौल हो गया. उन्होंने अपनी खुशी का इजहार पटाखें जलाकर, सीटी और ताली बजाकर किया. बच्चों ने अपनी खुशी तिरंगे के साथ पटाखे जलाकर प्रकट की और भारत माता की जय और जय हिंद के नारे लगाए. वहीं, बड़े बुजुर्गों ने एक दूसरे को बधाई दी और मिठाइयां बांटी. यहां रहने वाले एक परिवार ने संसद से विधेयक पारित होने के बाद अपनी बेटी का नाम नागरिकता रखा. बेटी की दादी मीरा दास ने कहा कि बच्ची का जन्म सोमवार को हुआ था और परिवार ने उसका नाम नागरिकता रखने का फैसला किया जो राज्यसभा से अब पारित हो चुका है. मीरा ने भी लोकसभा में विधेयक के पारित होने की मन्नत मांगी थी और उस दिन उपवास रखा था.

कांग्रेस नेता ने नागरिकता विधेयक पर मतदान के दौरान बहिर्गमन को लेकर शिवसेना की खिंचाई की

उन्होंने कहा कि सुरक्षित पनाहगाह की तलाश में हम आठ साल पहले भारत आए थे. यह हमारा एकमात्र घर है लेकिन नागरिकता नहीं मिलने की वजह से हम दुखी थे. अब गर्व से कह सकते हैं कि हम भारतीय हैं और हम पक्षी की तरह उड़ सकते हैं. नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर बुधवार को जब राज्यसभा में चर्चा चल रही थी उस समय दिल्ली में मौजूद पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी रेडियो से चिपके ध्यान से बहस सुन रहे थे जबकि कुछ फोन पर खबर देख रहे थे क्योंकि यह विधेयक भारत को आशियाना बनाने की उनकी इच्छा पर मुहर लगाने वाला था. मजनू का टीला इलाके में टेंट, बिना प्लास्टर की दीवार और टिन की चादरों से बनी छत के नीचे गुजर बसर कर रहे 750 पाकिस्तानी हिंदू पड़ोसी देश से शरण की आस में आए थे. कई अन्य रोहिणी सेक्टर नौ एवं ग्यारह, आदर्श नगर और सिग्नेचर ब्रीज के आसपास रह रहे हैं.

राज्यसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक के पास होने के बाद IPS अधिकारी ने दिया इस्तीफा 

पाकिस्तान से आए हिंदुओं में शामिल 42 वर्षीय सोना दास 2011 में सर्द रात में धार्मिक यात्रा के नाम पर 15 दिनों के वीजा पर कपड़े के झोले के साथ हैदराबाद पाकिस्तान से आए थे और उन्हें नहीं पता था कि उनके और परिवार का भविष्य क्या होगा. आठ साल में कई बार प्रदर्शन और अदालती मुकदमों के बाद दास पत्नी और नौ बच्चों के साथ रह रहे हैं और उनको उम्मीद है कि इस विधेयक से उनकी जिंदगी में स्थिरता आएगी. दास कहते हैं कि हम चूल्हे पर खाना पकाते हैं और सौर ऊर्जा से चार्ज होने वाली बैटरी की मदद से घर में रोशनी करते हैं. केवल दो या तीन घरों में ही टेलीविजन है. नगर निगम ने पानी की व्यवस्था की है लेकिन सीवर की सुविधा नहीं है.

नागरिकता संशोधन बिल से खुश हैं ये शरणार्थी

सरकार हमारी नहीं सुनती क्योंकि हमारे पास मतदान का अधिकार नहीं है. उल्लेखनीय है कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक में 31 दिसंबर 2014 तक भारत में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रावधान है. यह विधायक सोमवार को लोकसभा से पारित हो चुका है. विधेयक के संसद के दोनों सदनों से पारित होने पर इन देशों से आए गैर मुस्लिमों के लिए भारत की नागरिकता पाने के लिए केवल पांच साल तक ही देश में रहने की अर्हता होगी जबकि पहले यह मियाद 11 साल थी. इस विधेयक को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध हो रहा है विपक्षी नेता इसे अनैतिक बता रहे हैं लेकिन मजनू के टीले में माहौल एकदम अलग है. 

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com