नई दिल्ली:
भारत समेत पांच देशों के हिस्सा न लेने के ऐलान के बाद सार्क सम्मेलन को टालना पड़ा है. इसका ऐलान ख़ुद पाकिस्तान ने कर दिया है. हालांकि इसका ठीकरा उसने भारत के सिर फोड़ने की कोशिश की है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारत के अड़ियल रुख की वजह से इसे टालना पड़ रहा है. उसने ये भी कहा है कि भारत द्विपक्षीय वजहों से इस बहुराष्ट्रीय मंच के मक़सद पर चोट पहुंचा रहा है.
ये सम्मेलन 9-10 नवंबर को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में होना था. लेकिन उरी हमले के बाद पैदा हुई परिस्थियों में सबसे पहले भारत ने इसमें शिरकत से इंकार किया. इसके बाद बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान, भूटान और फिर श्रीलंका ने भी इस क्षेत्र में आतंकवाद की वजह से ख़राब हुए माहौल और उसमें पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल उठाते हुए इसमें इस सम्मेलन में शामिल होने से इंकार कर दिया. ऐसे में आठ देशों के इस ब्लॉक में भारत समेत पांच देश पाकिस्तान के ख़िलाफ एकजुट हो गए.
सार्क नियमों के तहत अगर एक भी सदस्य देश का प्रमुख भी शिरकत नहीं करता है तो समिट को टालने के अलावा और कोई चारा नहीं. इसलिए भारत के विरोध के बाद इसका टलना तय था. लेकिन पांच देशों के साथ मिल कर अध्यक्ष देश से शिकायत के बाद पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर क्षेत्रीय देशों के बीच पूरी तरह से अलग थलग नज़र आया. फिर उसे सार्क बैठक टालने के लिए मजबूर होना पड़ा.
हालांकि पाकिस्तान ने सार्क बैठक की अगली तारीख़ के जल्द ऐलान की बात भी की है. लेकिन आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई या उसके भरोसे के बिना ऐसा लगता नहीं कि पाकिस्तान में निकट भविष्य में ये बैठक हो पाएगी. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पाकिस्तान को क्षेत्रीय भावना के सामने झुकना पड़ा है क्योंकि उसके पास समिट को स्थगित करने के अलावा और कोई और चारा नहीं था.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारत के अड़ियल रुख की वजह से इसे टालना पड़ रहा है. उसने ये भी कहा है कि भारत द्विपक्षीय वजहों से इस बहुराष्ट्रीय मंच के मक़सद पर चोट पहुंचा रहा है.
ये सम्मेलन 9-10 नवंबर को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में होना था. लेकिन उरी हमले के बाद पैदा हुई परिस्थियों में सबसे पहले भारत ने इसमें शिरकत से इंकार किया. इसके बाद बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान, भूटान और फिर श्रीलंका ने भी इस क्षेत्र में आतंकवाद की वजह से ख़राब हुए माहौल और उसमें पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल उठाते हुए इसमें इस सम्मेलन में शामिल होने से इंकार कर दिया. ऐसे में आठ देशों के इस ब्लॉक में भारत समेत पांच देश पाकिस्तान के ख़िलाफ एकजुट हो गए.
सार्क नियमों के तहत अगर एक भी सदस्य देश का प्रमुख भी शिरकत नहीं करता है तो समिट को टालने के अलावा और कोई चारा नहीं. इसलिए भारत के विरोध के बाद इसका टलना तय था. लेकिन पांच देशों के साथ मिल कर अध्यक्ष देश से शिकायत के बाद पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर क्षेत्रीय देशों के बीच पूरी तरह से अलग थलग नज़र आया. फिर उसे सार्क बैठक टालने के लिए मजबूर होना पड़ा.
हालांकि पाकिस्तान ने सार्क बैठक की अगली तारीख़ के जल्द ऐलान की बात भी की है. लेकिन आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई या उसके भरोसे के बिना ऐसा लगता नहीं कि पाकिस्तान में निकट भविष्य में ये बैठक हो पाएगी. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पाकिस्तान को क्षेत्रीय भावना के सामने झुकना पड़ा है क्योंकि उसके पास समिट को स्थगित करने के अलावा और कोई और चारा नहीं था.
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