स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत में अब तक कोरोनावायरस के 83 मामले सामने आ चुके हैं. सबसे ज्यादा केरल में 19 मामले, जबकि महाराष्ट्र में 14 मामले आ चुके हैं. अन्य राज्यों की बात करें तो दिल्ली में सात, उत्तर प्रदेश में 11, लद्दाख में तीन, कर्नाटक में छह, आंध्र प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, राजस्थान से 1-1 केस सामने आ चुके हैं. इन 83 मामलों में 66 भारतीय हैं जबकि 17 विदेशी नागरिक हैं. देश के 13 राज्यों से कोरोना के पॉजिटिव मामले सामने आए हैं. कुल 83 मामलों में दो लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कोरोना से संक्रमित हुए 10 लोग (केरल-3, दिल्ली-7) ठीक होने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई है.
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिली जानकारी के अनुसार बाकी के 71 मामलों में कोरोना के मरीजों की स्थिति सामान्य है. बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने केंद्र द्वारा महामारी रोग अधिनियम लागू किये जाने के विषय पर कहा, ‘‘यह स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति नहीं है.''
कोरोना वायरस से संक्रमित 83 लोगों के संपर्क में आए कुल 4,000 लोगों को पूरे देश में गहन निगरानी में रखा गया है जबकि समूचे देश में 42,000 लोगों को सामुदायिक निगरानी में रखा गया है. प्रत्येक जरूरी सुविधाएं जैसे सामुदायिक निगरानी, पृथकरण, पृथक वार्ड, प्रशिक्षित मानवबल, त्वरित कार्रवाई दल आदि को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में और मजबूत किया गया है.
भारत ने अब तक विभिन्न देशों से 1,031 लोगों को निकाला है. इनमें 48 देशों के नागरिक शामिल है. कोरोना वायरस प्रभावित देशों से लाए गए 890 लोगों को 14 दिन की पृथक अवधि पूरी करने और जांच में संक्रमण की पुष्टि नहीं होने पर छुट्टी दी गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से 58 यात्रियों को 10 मार्च को ईरान से लाया गया. शुक्रवार को 44 यात्रियों को लेकर एक विमान मुंबई उतरा. उन्होंने बताया कि इन लोगों को नवी मुंबई स्थित पृथक केंद्र में रखा जाएगा.
अग्रवाल बताया कि इस बीच, जापान से लाए गए 124 और चीन से लाए गए 112 लोगों की जांच में उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई है. इसलिए शुक्रवार से उन्हें घर भेजने का काम शुरू कर दिया गया.
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