ओआरओपी सरकार का नहीं, भाजपा का वादा : रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर

ओआरओपी सरकार का नहीं, भाजपा का वादा : रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर

मनोहर पर्रिकर (फाइल फोटो)

रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि पिछले एक साल में पाकिस्तान की तरफ से भारत में की जाने वाली घुसपैठ में जबर्दस्त कमी आई है।  नीलगिरि जिले में स्थित डिफेंस स्टाफ सर्विसेज कॉलेज में पत्रकारों से बातचीत में पर्रिकर ने कहा, पाकिस्तान की सीमा की तरफ से घुसपैठ पूरी तरह तो नहीं थमी है, लेकिन खासकर पिछले एक साल में इसमें जबर्दस्त कमी आई है। देश में श्रीलंकाई रक्षा जवानों को प्रशिक्षण देने के सवाल पर पर्रिकर ने कहा कि उन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में प्रशिक्षण दिया गया, लेकिन तमिलनाडु में नहीं।

पर्रिकर ने कहा कि श्रीलंकाई तमिलों के मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने ऐसे प्रशिक्षण का विरोध किया जिसकी वजह से उन्हें तमिलनाडु में प्रशिक्षण नहीं दिया गया। इस बीच, पर्रिकर ने कहा कि एक रैंक, एक पेंशन (ओआरओपी) योजना को लागू कर भाजपा का एक चुनावी वादा पूरा हुआ है और यह सुनिश्चित किया गया है कि पूर्व सैनिकों को अधिकतम लाभ मिले। मंत्री ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे पूर्व सैनिकों को और ज्यादा मांग करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों को अपनी शिकायतों के लिए न्यायिक समिति का रुख करना चाहिए।

पर्रिकर ने कहा, ओआरओपी भाजपा का एक वादा है। यह सरकार का वादा नहीं है। लिहाजा विभिन्न पूर्व सैनिक संगठनों के साथ हमारी जो भी सहमति बनी हमने उसमें अधिकतम दिया है। पर्रिकर ने कहा, यह बोलकर हर कोई एक गलती कर रहा है कि यह सरकार का आश्वासन है। यह सरकार का आश्वासन नहीं। यह राजनीतिक पार्टी का आश्वासन है। राजनीतिक पार्टी ने अपने स्तर से सर्वश्रेष्ठ संतुष्टि प्राप्त कर ली है कि हमने जो वादा किया उसे पूरा कर दिया है।

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रक्षामंत्री ने पूर्व सैनिकों की ओर से अपने पदक जलाने की कोशिशों को राष्ट्र एवं सशस्त्र बलों का अपमान करार दिया और कहा कि यह साबित करना पूर्व सैनिकों की जिम्मेदारी है कि उनके प्रदर्शन के पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं है। पर्रिकर ने कहा, यदि मैं कुछ कहूंगा तो यह आरोप कहा जाएगा । उन्हें साबित करने दें कि यह राजनीतिक नहीं है।