दिल्ली के रामलीला मैदान में आयोजित रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एनआरसी को लेकर दिये गए बयान पर विपक्ष ने पलटवार किया है. दरअसल, पीएम मोदी ने कहा कि इस विवादास्पद मुद्दे (एनआरसी) पर न तो उनकी सरकार ने, ना ही कैबिनेट या संसद ने चर्चा की है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एनआरसी अब तक सिर्फ असम में कराया गया है. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि एनआरसी के बारे में झूठ फैलाया जा रहा है. पीएम मोदी के इस बयान पर कांग्रेस और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने उन्हें कटघरे में खड़ा किया है औऱ कहा कि वे अपने ही गृह मंत्री के बयान को गलत साबित कर रहे हैं, जिन्होंने तमाम फोरम, यहां तक कि संसद में भी एनआरसी के बारे में बोला है.
Whatever I said is there in public forum, whatever you said is there for people to judge. With #PM contradicting #HomeMinister publicly on Nationwide NRC, who is dividing fundamental idea of India? People will definitely decide who is right & who is wrong #IRejectCAA #IRejectNRC
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 22, 2019
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनआरसी के प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी क्रियान्वयन पर सार्वजनिक रूप से गृहमंत्री के रुख से विपरीत बयान दिया है. बनर्जी ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम और एनआरसी पर उनकी और मोदी की टिप्पणियां सभी के सामने हैं और लोग तय करेंगे कि कौन सही है और कौन गलत. उन्होंने ट्वीट किया , ‘मैंने जो कुछ कहा है, वह सभी के सामने है और आपने जो कुछ कहा है, वह भी सभी सामने है, लोगों को इस पर फैसला करने दीजिए. प्रधानमंत्री राष्ट्रव्यापी एनआरसी पर सार्वजनिक रूप से गृहमंत्री से भिन्न बयान दे रहे हैं, ऐसे में कौन भारत के मूल विचार को तोड़ रहा है? निश्चित ही लोग फैसला करेंगे कि कौन सही है कौन गलत.'
पीएम मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में जनसभा को संबोधित किया.
उधर, कांग्रेस ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर 'अनिश्चितता की स्थिति' के लिए गृह मंत्री अमित शाह के बयानों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि एनआरसी एवं नागरिकता संशोधन कानून के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक बुलानी चाहिए. पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा, 'सरकार ने जल्दबाजी में असुरक्षा और अनिश्चितता का वातावरण पैदा किया है. हमने संसद के अंदर सरकार को चेताया था कि आम सहमति बनाई जाए. हमने कहा था कि इसमें कई त्रुटियां और संविधान से इसका टकराव है.' उन्होंने दावा किया, 'गृह मंत्री ने दोनों सदनों में कहा कि वो पूरे देश मे एनआरसी ला रहे हैं. इससे यह स्थिति पैदा हुई.' शर्मा ने कहा, 'नागरिकता संशोधन कानून से जुड़ा मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है. इसलिए इंतजार करना चाहिए. इसे लागू नहीं करना चहिये.' (इनपुट- भाषा से भी)