- नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी को 4 जुलाई 2025 को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया है.
- नेहल मोदी पर मनी लॉन्ड्रिंग और सबूत मिटाने के गंभीर आरोप लगे हैं.
- उन्होंने घोटाले की काली कमाई को छिपाने में मदद की थी.
- नेहल मोदी ने दुबई से 50 किलो सोना और 6 मिलियन डॉलर के हीरे निकाले.
भारत के सबसे बड़े बैंक घोटालों में से एक पंजाब नेशनल बैंक घोटाले से जुड़े मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. अमेरिकी अधिकारियों ने नीरव मोदी के भाई नेहल मोदी को 4 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर लिया है. इस गिरफ्तारी की जानकारी अमेरिकी न्याय विभाग ने भारतीय एजेंसियों को दी है.
क्या है आरोप
नीरव मोदी के छोटे भाई नेहल दीपक मोदी की मुश्किलें अब और बढ़ गई हैं. उन पर मनी लॉन्ड्रिंग, सबूत मिटाने और गवाहों को धमकाने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं. जांच एजेंसियों के मुताबिक, नेहल मोदी ने न केवल घोटाले से जुड़ी काली कमाई (proceeds of crime) को छिपाने में मदद की, बल्कि सबूतों को भी जानबूझकर खत्म किया.
सूत्रों के मुताबिक, नेहल मोदी ने Firestar Diamond FZE, दुबई से जांच शुरू होने के बाद 50 किलो सोना निकलवाया. इसके अलावा, उन्होंने हांगकांग से 6 मिलियन डॉलर कीमत के हीरे और 150 बॉक्स मोती और दुबई से 3.5 मिलियन दिरहम नकद अपने कब्जे में लिए.
नेहल पर आरोप है कि उन्होंने डिजिटल सबूतों जैसे मोबाइल फोन और सर्वर को दुबई में नष्ट करवा दिया. इतना ही नहीं, उन्होंने गवाहों को डराया-धमकाया और उन्हें काहिरा (मिस्र) भेजा, जहां उनके पासपोर्ट भी जब्त करवा दिए गए.
कई गवाहों को वहां झूठे कागजों पर जबरन दस्तखत करवाए गए. एक मामले में, नेहल मोदी ने एक गवाह को यूरोप की अदालत में झूठी गवाही देने के लिए 20 लाख रुपये की रिश्वत की पेशकश भी की थी. जांच एजेंसियों का कहना है कि नेहल मोदी ने मनी लॉन्ड्रिंग की प्रक्रिया में सक्रिय भूमिका निभाई है, जो कि PMLA 2002 की धारा 3 के तहत अपराध है. इस अपराध के लिए उन्हें धारा 4 के तहत सजा हो सकती है.
फिलहाल भारत ने उनकी प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी है और अमेरिका में गिरफ्तारी के बाद भारत लाए जाने की प्रक्रिया तेज़ हो गई है. यह पूरा मामला बताता है कि नीरव मोदी का पूरा नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला था और उसका परिवार भी इसमें गहराई से शामिल रहा है.
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