फाइल फोटो
नई दिल्ली:
बजट सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में जमकर हंगामा और मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखने के बाद अब टीडीपी ने 18 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र में भी मोदी सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है. विजयवाड़ा में टीडीपी अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंदबाबू नायडू की अध्यक्षता में हुई टीडीपी संसदीय दल की बैठक में तय किया गया कि 18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में भी पार्टी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की पहल फिर शुरू करेगी. बजट सत्र में ये प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया गया था.
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टीडीपी नेताओं का आरोप है कि मोदी सरकार ने आंध्र प्रदेश के विभाजन के दौरान जो वादे किये वो पिछले चार साल में पूरे नहीं किये और अब वो मानसून सत्र में सरकार को दूसरे विपक्षी दलों के साथ मिलकर उनका पर्दाफाश करना चाहते हैं. ज़ाहिर है टीडीपी के फैसले के साथ ही विपक्षी खेमें में सुगबुगाहट तेज़ हो गई है. कांग्रेस नेता और राज्य सभा सांसद प्रमोद तिवारी ने एनडीटीवी से कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर सर्वदलीय बैठक में चर्चा होगी. अविश्वास प्रस्ताव पर आगे बढ़ने के लिए और भी विपक्षी दलों के समर्थ की ज़रूरत होगी. हम चाहते है कि विपक्ष साझा रणनीति बनाए.
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एनसीपी और लेफ्ट ने संकेत दिया है कि प्रमुख विपक्षी दलों में अगर सहमति बनती है तो वो अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेंगे. एनसीपी नेता तारिक अनवर ने कहा कि अगर मानसून सत्र में विपक्षी दलों में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर सहमति बनती है तो एनसीपी उसका समर्थन करेगी.
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VIDEO: सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव?
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