यह ख़बर 04 अप्रैल, 2012 को प्रकाशित हुई थी

चुनाव की घोषणा नहीं हुई, जगन का दौरा शुरू हो गया

खास बातें

  • चुनाव आयोग को इन इलाकों के भावी चुनाव की तारीख अभी तय करनी है लेकिन जगन मोहन ने अभी से इन इलाकों में सिलसिलेवार तरीके से चुनावी दौरा आरंभ कर रखा है।
(नरसापुरम) वेस्ट गोदावरी:

ऐसा कोई दिन नहीं बीतता जब जगन मोहन रेड्डी आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावारी जिले का दौरा कर वोट न मांगते हों। इस 38 वर्षीय नेता का रैली करना और हर दरवाजे पर वोट के लिए जाना जैसे आम बात हो गई हो। मई के अंत तक इस क्षेत्र की 18 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होना है और एक लोकसभा सीट नेल्लोर के लिए भी उपचुनाव होना है।

चुनाव आयोग को इन इलाकों के भावी चुनाव की तारीख अभी तय करनी है लेकिन जगन मोहन ने अभी से इन इलाकों में सिलसिलेवार तरीके से चुनावी दौरा आरंभ कर रखा है। खबर यहां तक है कि सीबीआई उन्हें भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार भी कर सकती है। वहीं, इस युवा नेता ने अपने पर लगाए सभी आरोपों के लिए अपनी पूर्व पार्टी कांग्रेस को दोषी बता रहे हैं। चार्जशीट में जगन मोहन के पिता और कांग्रेस के दिग्गज नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएसआर रेड्डी का भी नाम लिखा गया है। वाईएसआर की 2009 में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी।


पश्चिम गोदावरी का इलाका वही इलाका है जहां पर वाईएसआर का काफी दबदबा था और सीबीआई की चार्जशीट जो यह कह रही है कि यदि वाईएसआर यदि जिंदा होता तब इस मामले में उनपर मुकदमा चलाया जाता। और यहीं से जगन मोहन को अपने चुनावी भाषण में जान फूंकने का मौका देता है। जगन मोहन लोगों से कह रहे हैं कि जनता इन चुनावों में न केवल राज्य की कांग्रेस सरकार को सबक सिखाए बल्कि दिल्ली में बैठे उनके रिमोट कंट्रोल को भी सबक सिखाने के लिए वोट करे।

सीबीआई कह रही है कि आज जगन के पास 365 करोड़ रुपये की सम्पत्ति है जो उनके पिता के मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान बढ़ी। सीबीआई का कहना है कि वाईएसआर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कंपनियों पर दबाव बनाया और जगन की कंपनियों में इनवेस्ट करवाया।

पिता की आकस्मिक मौत के बाद जगन कांग्रेस से बाहर हो गए क्योंकि उन्हें उनके पिता के बाद सीएम नहीं बनाया गया। उसके बाद जगन ने अपनी एक अलग पार्टी बनाई और पूरे राज्य में ओदार्पू यात्रा की ताकि लोगों से सहानुभूति हासिल की जा सके। इस यात्रा को राज्य में अपार सफलता मिली। फिलहाल जगन के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला ज्यादा चिंतनीनय नहीं लग रहा है। पिछले महीने राज्य में सात सीटों पर हुए विधानसभा के चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट हासिल नहीं कर पाई।

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अभी कांग्रेस जहां एक तरफ पार्टी में नेताओं की आपसी लड़ाई से जूझ रही है वहीं दूसरी तरफ राज्य के ऐसी तमाम मुद्दे जैसे तेलंगाना का मुद्दा, पर नेता अभी तक यह तय नहीं कर पाए हैं कि वह किस ओर बैठें।