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This Article is From May 23, 2018

'तेल में आग': पेट्रोल-डीजल का दाम आसमान पर, कीमतों में राहत की कोई संभावना नहीं

मोदी सरकार में लगातार बढ़ती तेल की कीमतों से लोग हलकान हैं.

'तेल में आग': पेट्रोल-डीजल का दाम आसमान पर, कीमतों में राहत की कोई संभावना नहीं
प्रतीकात्मक तस्वीर
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Summary is AI generated, newsroom reviewed.
तेल का दाम सातवें आसमान पर.
पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी.
अभी कीमत गिरने के आसार नहीं.
नई दिल्ली: मोदी सरकार में लगातार बढ़ती तेल की कीमतों से लोग हलकान हैं. पेट्रोल और डीजल के दाम में कुछ अंतराल पर लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, जिसके चलते लोगों में गुस्सा दिख रहा है. हालांकि, तेल की कीमतों को लेकर बढ़ती नाराज़गी के बीच इंडियन ऑयल के चेयरमैन संजीव सिंह ने संकेत दिया है कि फिलहाल कीमतों में राहत की संभावना नहीं है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय तेल बाज़ार में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है.

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तेल की बढ़ती कीमतों से लोग परेशान दिख रहे हैं, क्योंकि न सिर्फ गाड़ियों में डीजल-पेट्रोल के लिए उन्हें ज्यादा पैसे देने होंगे, बल्कि इससे उनके आम जनजीवन पर भी असर पड़ेगा. पेट्रोल और डीजल की कीमतें अब तक के सबसे ऊंचे स्तर  पर पहुंच चुकी हैं. आम लोगों पर इसका दबाव साफ तौर पर झलकने लगा है. मंगलवार को पेट्रोल सबसे महंगा हुआ. मुंबई में पेट्रोल और महंगा होकर 84.70 रुपये लीटर पहुंच गया जबकि दिल्ली में पेट्रोल 76.87 रुपये  लीटर हो गया. 

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जबकि मंगलवार को डीज़ल सबसे महंगा रहा. मुंबई में रिकार्ड स्तर पर बढ़कर 72.48 रुपये लीटर और दिल्ली में डीज़ल 68.08 रुपये लीटर हो गया. बढ़ती तेल की कीमतों पर  ऑल इंडिया पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने कहा कि तेल महंगा होने से बिक्री में 2% से 3% कर गिरावट का अनुमान है. 

वहीं, इंडियन ऑयल के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय तेल बाज़ार में दामों में हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए राहत की फिलहाल कोई उम्मीद नहीं दिख रही है. कोई अनुमान नहीं लगा सकता कि तेल की कीमतें कब घटेंगी. 

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साफ है कि सरकार पर आम आदमी को राहत दिलाने का दबाव बढ़ने लगा है. मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद पेट्रोलियम पदार्थों पर एक्साइज़ ड्यूटी को कई बार बढ़ाया लेकिन सिर्फ एक बाद घटाया. उद्योग संघ फिक्की की रिसर्च के मुताबिक, नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल सस्ता था, तब सरकार ने एक्साइज़ ड्यूटी को 9 बार बढाया और सिर्फ एक बार घटाया. सरकार ने पेट्रोल पर 11.77 रुपये लीटर और डीज़ल पर एक्साइज़ ड्यूटी को 13.47 रुपये लीटर तक बढ़ाया लेकिन सिर्फ 2 रुपया घटाया.

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यानी सरकार की कमाई लाखों करोड़ की हुई. अब मांग हो रही है कि सरकार मामले में दखल करे.  इस मामले पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि सरकार गंभीर है.  दो-चार दिन में इसका हल निकाल लिया जाएगा.  बता दें कि इंडियन आयल ने मंगलवार को ऐलान किया कि 2017-18 में टैक्स के बाद उसका मुनाफ़ा 21,346 करोड़ रहा. 

VIDEO: अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचीं तेल की कीमतें

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