दिल्ली हाईकोर्ट ने उप राज्यपाल के नर्सरी दाखिला संबंधी दिशानिर्देशों के तहत माता-पिता का अंतरराज्यीय तबादला होने के आधार पर उनके बच्चों को नर्सरी में दाखिले में प्वॉइंट दिए जाने के तर्क पर सवाल उठाया और कहा कि इसका परिणाम 'कदाचार' के रूप में सामने आ सकता है।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश बीडी अहमद और न्यायाधीश एस मृदुल की पीठ ने कहा, 'तबादले के लिए प्वॉइंट क्यों होने चाहिए? इसके पीछे क्या तर्क है? आपको पता है कि इससे कदाचार होता है?' पीठ ने इसके साथ ही दिल्ली सरकार से इस पर शुक्रवार तक रिपोर्ट सौंपने को भी कहा।
पीठ ने कहा, 'इसके लिए कोई प्वॉइंट क्यों होना चाहिए?' अदालत ने इस तर्क के पीछे का कारण जानने के लिए रिपोर्ट मांगी है कि जिन बच्चों के माता पिता का अन्य राज्य से दिल्ली में तबादला हो जाता है, ऐसे में उन बच्चों को नर्सरी दाखिले में पांच प्वॉइंट क्यों दिए जाएं।
दिल्ली सरकार ने 28 फरवरी को रिपोर्ट सौंपे जाने पर सहमति जताई, लेकिन साथ ही कहा कि वह इस व्यवस्था को समाप्त किए जाने के पक्ष में है। इस मामले पर अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।
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