लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में मायावती शासन में हुए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) घोटाले के आरोपी डॉ वाईएस सचान की संदिग्ध हालात में हुई मौत के मामले में मंगलवार को उनकी पत्नी मालती सचान ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर राजनीतिक दबाव में दोषियों को बचाने का आरोप लगाया।
सहायक चिकित्साधिकारी डॉ सचान की लखनऊ के जिला कारागार के निर्माणाधीन शौचालय में मृत पाए गए थे। इस मामले में सीबीआई ने क्लोजर रिपार्ट 28 सितम्बर को विशेष न्यायिक दंडाधिकारी (सीबीआई) की अदालत में दाखिल की थी। अदालत ने मालती सचान को आपत्ति दर्ज कराने के लिए 16 अक्टूबर तक का समय दिया था।
मालती के वकील वीके शाही ने मंगलवार को विशेष न्यायिक दंडाधिकारी नीलकांतमणि त्रिपाठी की अदालत में अर्जी दाखिल कर आपत्ति दर्ज कराई, जिसमें सीबीआई पर राजनीतिक दबाव में आकर दोषियों को बचाने का आरोप लगाया।
शाही ने बताया कि मालती की ओर से दाखिल की गई अर्जी में यह आरोप लगाया गया है कि सीबीआई की जांच दोषपूर्ण एवं पक्षपातपूर्ण है। इसमें वास्तविक दोषी एवं रसूखदार लोगों को बचाने के दबाव में की गई है।
उन्होंने बताया कि उन्हें सीबीआई की अंतिम रिपोर्ट तथा इससे सम्बंधित अन्य दस्तावेज उन्हें मुहैया नहीं कराए गए, लिहाजा उन्हें यह पता नहीं है कि सीबीआई ने आखिर किन बिंदुओं पर डॉ सचान की संदिग्ध हालात में मौत के मामले की जांच की थी। अदालत ने सीबीआई को समय देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 2 नवम्बर तय कर दी।
उल्लेखनीय है कि एनएचआरएम घोटाले में लखनऊ की जिला जेल में बंद सचान की पिछले साल जून में संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो गई थी।
सहायक चिकित्साधिकारी डॉ सचान की लखनऊ के जिला कारागार के निर्माणाधीन शौचालय में मृत पाए गए थे। इस मामले में सीबीआई ने क्लोजर रिपार्ट 28 सितम्बर को विशेष न्यायिक दंडाधिकारी (सीबीआई) की अदालत में दाखिल की थी। अदालत ने मालती सचान को आपत्ति दर्ज कराने के लिए 16 अक्टूबर तक का समय दिया था।
मालती के वकील वीके शाही ने मंगलवार को विशेष न्यायिक दंडाधिकारी नीलकांतमणि त्रिपाठी की अदालत में अर्जी दाखिल कर आपत्ति दर्ज कराई, जिसमें सीबीआई पर राजनीतिक दबाव में आकर दोषियों को बचाने का आरोप लगाया।
शाही ने बताया कि मालती की ओर से दाखिल की गई अर्जी में यह आरोप लगाया गया है कि सीबीआई की जांच दोषपूर्ण एवं पक्षपातपूर्ण है। इसमें वास्तविक दोषी एवं रसूखदार लोगों को बचाने के दबाव में की गई है।
उन्होंने बताया कि उन्हें सीबीआई की अंतिम रिपोर्ट तथा इससे सम्बंधित अन्य दस्तावेज उन्हें मुहैया नहीं कराए गए, लिहाजा उन्हें यह पता नहीं है कि सीबीआई ने आखिर किन बिंदुओं पर डॉ सचान की संदिग्ध हालात में मौत के मामले की जांच की थी। अदालत ने सीबीआई को समय देते हुए अगली सुनवाई की तारीख 2 नवम्बर तय कर दी।
उल्लेखनीय है कि एनएचआरएम घोटाले में लखनऊ की जिला जेल में बंद सचान की पिछले साल जून में संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो गई थी।