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This Article is From Dec 09, 2020

अब पीएम वाणी के जरिए सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क लगाएगी सरकार

देश में ब्रॉडबैंड का विस्तार करने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक वाईफाई नेटवर्क की रूपरेखा को मंजूरी दे दी

अब पीएम वाणी के जरिए सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क लगाएगी सरकार
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

देश भर में ब्रॉडबैंड इंटरनेट पहुंच के विस्तार के लिए सरकार ने तमाम पब्लिक डेटा ऑफिस (PDO) के जरिए सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क की स्थापना को मंजूरी दे दी है. पीडीओ एक छोटी दुकान या साझा सेवा केंद्र (CSC) भी हो सकते हैं, जिनके लिए न तो लाइसेंस और न ही पंजीकरण की जरूरत होगी. साथ ही इन पर किसी तरह का शुल्क भी नहीं लगेगा. सार्वजनिक वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (PM-WANI) से देश में एक बड़ी वाई-फाई क्रांति आने की उम्मीद सरकार को है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सार्वजनिक वाईफाई नेटवर्क की रूपरेखा को मंजूरी दे दी. 

पीएम वाणी में काम करने वाला पैसे कैसे कमाएगा?
उसे ठीक उसी तरह पैसे मिलेंगे जैसे किसी जमाने में पीसीओ-एसटीडी बूथ चलाने वाले को मिला करते थे. वाईफाई स्पॉट से डेटा इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं से जितना डेटा इस्तेमाल हुआ उसका चार्ज किया जाएगा. इसका एक हिस्सा उस व्यक्ति के पास जाएगा जिसने वाईफाई हॉटस्पॉट बनाया है. एग्रीगेटर ऐप से यह तय होगा कि उपभोक्ता का केवाईसी केवल एक बार हो और उसे बार-बार वाईफाई हॉटस्पॉट से कनेक्ट होते समय ओटीपी या लॉग इन न करना पड़े.

इस तरह उपभोक्ता एक वाईफाई से दूसरे वाईफाई हॉट स्पॉट में बिना रुकावट के जा सकता है. आप जितना डेटा इस्तेमाल करेंगे उसका उतना भुगतान आप अपने एकाउंट से कर सकते हैं बशर्ते उसमें पर्याप्त राशि हो. जिस तरह आप बैलेंस खत्म होने पर अपना मोबाइल फोन खाता रिचार्ज करते हैं ठीक वैसे ही अपने वाईफाई एकाउंट को रिचार्ज कर सकते हैं.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सार्वजनिक वाईफाई नेटवर्क की रूपरेखा को मंजूरी दे दी. इसमें कई ‘खिलाड़ी' मसलन..पब्लिक डेटा ऑफिस (पीडीओ), पब्लिक डेटा ऑफिस एग्रीगेटर्स और ऐप प्रदाता शामिल रहेंगे. संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘पीडीओ के लिए कोई लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं होगी, न ही इनके पंजीकरण की जरूरत होगी. इन पर कोई शुल्क लागू नहीं होगा. पीडीओ छोटी दुकानें या साझा सेवा केंद्र (सीएससी) भी हो सकते हैं.''

पीडीओ वाई-फाई एक्सेस पॉइंट को स्थापित करेंगे और उसका रखरखाव और परिचालन करेंगे. साथ ही वे ग्राहकों तक ब्रॉडबैंड सेवाएं भी पहुंचाएंगे. पब्लिक डेटा ऑफिस एग्रीगेटर (PDOA) पीडीओ के एग्रीगेटर (सूत्रधार) के रूप में काम करेंगे तथा मंजूरी और लेखा-जोखा रखने का कामकाज करेंगे. ऐप प्रदाता पंजीकृत प्रयोगकर्ताओं के लिए ऐप विकसित करेंगे और नजदीकी क्षेत्रों में वाणी अनुकूल वाई-फाई हॉटस्पॉट की पहचान करेंगे और इंटरनेट सेवाओं तक पहुंच के लिए इसे ऐप के अंदर प्रदर्शित करेंगे. एक केंद्रीय रजिस्ट्री ऐप प्रदाताओं, पीडीओए और पीडीओ का ब्योरा रखेगी.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि शुरुआत में सी-डॉट केंद्रीय रजिस्ट्री का कामकाज देखेगा. बयान में कहा गया है कि पीडीओ के लिए किसी तरह के पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी. वहीं पीडीओए और ऐप प्रदाता ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल के जरिये दूरसंचार विभाग के पास अपना पंजीकरण करा सकेंगे. उन्हें इसके लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा. आवेदन के सात दिन के भीतर उनका पंजीकरण हो जाएगा.
(इनपुट भाषा से भी) 

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