यह ख़बर 06 नवंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

यशवंत, जसवंत व शत्रुघ्न भी चाहते हैं गडकरी पद छोड़ें : जेठमलानी

खास बातें

  • जेठमलानी ने यह कहकर पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी पर पद छोड़ने के लिए दबाव बढ़ा दिया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा, जसवंत सिंह और शत्रुघ्न सिन्हा भी चाहते हैं कि गडकरी पद छोड़ दें।
नई दिल्ली:

जाने-माने अधिवक्ता एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य राम जेठमलानी ने मंगलवार को यह कहकर पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी पर पद छोड़ने के लिए दबाव बढ़ा दिया कि पार्टी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा, जसवंत सिंह और शत्रुघ्न सिन्हा भी चाहते हैं कि गडकरी पद छोड़ दें।

उनका यह भी दावा है कि पार्टी में कई और नेता गडकरी के इस्तीफे के पक्ष में हैं। उन्होंने यशवंत सिन्हा और जसवंत सिंह का नाम लेते हुए कहा कि वह भी गडकरी के इस्तीफे की मांग पर सहमत हैं। इसे लेकर जेठमलानी ने तीनों के नाम पर एलके आडवाणी को एक चिट्ठी भी लिखी है। मुद्दे पर यशवंत सिन्हा ने कहा है कि वह सैद्धांतिक रूप से राम जेठमलानी के साथ हैं लेकिन उनके तरीके से वह सहमत नहीं हैं।

हाल ही में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे गडकरी ने बुद्धिमत्ता के स्तर पर स्वामी विवेकानंद और भगोड़ा अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की तुलना कर एक नए विवाद में फंस गए हैं। गडकरी ने आज इस मामले में मीडिया पर बयान को गलत पेश करने के आरोप के साथ खेद भी प्रकट किया।

राम जेठमलानी ने कहा कि इस मुद्दे पर वह जसवंत सिंह, यशवंत सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा के सम्पर्क में हैं और गडकरी के इस्तीफे के संदर्भ में वे भी वही दृष्टिकोण रखते हैं जो उनका है।

ज्ञात हो कि जेठमलानी के बेटे महेश जेठमलानी ने सोमवार को भाजपा की राष्ट्रीय परिषद से इस्तीफा दे दिया था।

सांसद जेठमलानी ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि वे भी वैसा ही कदम उठाएंगे। हम एकमत हैं और मुझे इसमें कोई संशय नहीं है। उन्होंने अपने विचार सार्वजनिक नहीं किए हैं, मैं उम्मीद करता हूं कि वे जल्द ही अपने विचार प्रकट करेंगे।'

उन्होंने कहा, "हम चारों स्पष्ट राय रखते हैं कि गडकरी का इस्तीफा आवश्यक है।" गडकरी पर विवादास्पद व्यावसायिक सौदों में कथित संलिप्तता का आरोप लगने के बाद जेठमलानी ने पहले भी पार्टी अध्यक्ष से इस्तीफे की मांग की थी।

वयोवृद्ध भाजपा नेता ने कहा कि वह स्वयं पार्टी से इस्तीफा देने का विचार रखते हैं, लेकिन देश हित में वह रुके हुए हैं।

गडकरी पर पूर्ति समूह के अध्यक्ष के रूप में अनुचित व्यावसायिक सौदे करने सहित किसानों की भूमि हड़पने का आरोप भी लगा है। रविवार को नई दिल्ली में हुई कांग्रेस की रैली में महासचिव राहुल गांधी की टिप्पणी को रेखांकित करते हुए जेठमलानी ने कहा, "एक तरफ हमारे गडकरी हैं जो स्वामी विवेकानंद की तुलना दाऊद के साथ करते हैं, दूसरी तरफ एक कांग्रेस नेता और भावी प्रधानमंत्री हैं जो कारगिल और एफडीआई में फर्क करना नहीं जानते। इसलिए मुझे सोचना होगा कि कौन प्रधानमंत्री बनने लायक है।"

गौरतलब है कि राहुल ने रैली में कहा था कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के शासनकाल के दौरान कांग्रेस ने 1998 में हुए कारगिल युद्ध का समर्थन किया था। उसी तरह भाजपा को भी मौजूदा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सम्बंधी फैसले का समर्थन करना चाहिए।

जेठमलानी ने कहा कि उनके बेटे महेश जेठमलानी ने गडकरी से इस्तीफे की मांग करते हुए सोमवार को भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा दिया था, जिसका वह पूरी तरह समर्थन करते हैं।

उन्होंने कहा, "विवेकानंद प्रकरण पर मेरे बेटे ने जो कदम उठाया, उससे मैं पूरी तरह सहमत हूं। मेरी सोच है कि हमें उस पार्टी से सम्बद्ध रहने की जरूरत नहीं है जिसका नेतृत्व गडकरी करते हों, व्यक्तिगत तौर पर उसने कोई वैर नहीं है।"

भाजपा नेता ने कहा, "इसके अलावा, लोकसेवकों के इस्तीफे का दर्शन सरकारी कर्मचारियों के जीवन से मेल खाता है। यदि किसी लोकसेवक के खिलाफ कोई जांच चल रही होती है तो आमतौर पर उसे निलंबित कर दिया जाता है और दोषमुक्त हो जाने पर इज्जत के साथ उसे बुला लिया जाता है, गडकरी के साथ ठीक ऐसा ही होना चाहिए।"

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(इनपुट आईएएनएस से भी)