
नई दिल्ली:
कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि उसे ममता बनर्जी के समर्थन वापस लेने के बाद भी सबकुछ ठीकठाक चलने की उम्मीद है। इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) से अलग हो जाने के बाद सरकार बिना किसी व्यवधान के काम कर सकेगी।
कांग्रेस महासचिव एवं पार्टी के पश्चिम बंगाल प्रभारी शकील अहमद ने कहा, "मैं उम्मीद करता हूं कि पिछले तीन वर्षों से सरकार के अंदर जो कहा-सुनी चल रही थी, वैसी नौबत अब नहीं आएगी। संप्रग प्रयास करेगी कि बिना किसी बाधा के कामकाज चले।"
ज्ञात हो कि तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने मल्टी-ब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), डीजल मूल्य वृद्धि और रियायती दर पर रसोई गैस सिलेंडरों की उपलब्धता सीमित करने के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार से समर्थन वापस ले लिया है।
अहमद ने कहा कि ममता बनर्जी ने मल्टी-ब्रांड खुदरा में एफडीआई के अलावा आतंकवाद निरोधक केंद्र के गठन का भी विरोध किया था और किराया बढ़ाकर रेलवे की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के सरकार के प्रयास में भी बाधा उत्पन्न की थी।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने उनकी आकांक्षाएं पूरी करने का प्रयास किया, लेकिन हर चीज की एक सीमा होती है।"
कांग्रेस नेता ने कहा कि तृणमूल के बाहर हो जाने से संप्रग सरकार की स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और उन्होंने सरकार को बाहर से समर्थन देने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती को धन्यवाद दिया।
कांग्रेस के अनुसार, बाहर से समर्थन दे रही सपा और बसपा के चलते सरकार को किसी दूसरे दु:स्वप्न से गुजरने की आशंका नहीं है, क्योंकि मुलायम सिंह और मायावती के काम करने के तरीके ममता से अलग हैं।
कांग्रेस महासचिव एवं पार्टी के पश्चिम बंगाल प्रभारी शकील अहमद ने कहा, "मैं उम्मीद करता हूं कि पिछले तीन वर्षों से सरकार के अंदर जो कहा-सुनी चल रही थी, वैसी नौबत अब नहीं आएगी। संप्रग प्रयास करेगी कि बिना किसी बाधा के कामकाज चले।"
ज्ञात हो कि तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने मल्टी-ब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई), डीजल मूल्य वृद्धि और रियायती दर पर रसोई गैस सिलेंडरों की उपलब्धता सीमित करने के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार से समर्थन वापस ले लिया है।
अहमद ने कहा कि ममता बनर्जी ने मल्टी-ब्रांड खुदरा में एफडीआई के अलावा आतंकवाद निरोधक केंद्र के गठन का भी विरोध किया था और किराया बढ़ाकर रेलवे की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के सरकार के प्रयास में भी बाधा उत्पन्न की थी।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस ने उनकी आकांक्षाएं पूरी करने का प्रयास किया, लेकिन हर चीज की एक सीमा होती है।"
कांग्रेस नेता ने कहा कि तृणमूल के बाहर हो जाने से संप्रग सरकार की स्थिरता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और उन्होंने सरकार को बाहर से समर्थन देने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती को धन्यवाद दिया।
कांग्रेस के अनुसार, बाहर से समर्थन दे रही सपा और बसपा के चलते सरकार को किसी दूसरे दु:स्वप्न से गुजरने की आशंका नहीं है, क्योंकि मुलायम सिंह और मायावती के काम करने के तरीके ममता से अलग हैं।
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