नोएडा:
दो दशक से पट्टे पर मिली जमीन का हक पाने के लिए लड़ रहे किसान दंपती ने हार कर जहर खा लिया। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने पति को तो बचा लिया, लेकिन पत्नी ने दम तोड़ दिया।
गौतमबुद्ध जिले के तहसील जेवर के गांव गोविंदगढ़ में चंद्रभान नाम के किसान को 1990 में जीविका चलाने के लिए 10 बीघा ज़मीन पट्टे पर मिली थी, लेकिन 25 साल बाद भी उसे जमीन नहीं मिली।
चंद्रभान ने जिला अधिकारी को लिखित में दिया कि उसे जमीन नहीं मिली तो वह आत्महत्या कर लेगा। इसके बाद भी प्रशासन ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया।
इधर, प्रशासन ने मामले पर पर्दा डालने के लिए कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की और पीड़ित की मृत पत्नी का बिना पोस्टमॉर्टम कराए ही अंतिम संस्कार करा दिया।
गौतमबुद्ध जिले के तहसील जेवर के गांव गोविंदगढ़ में चंद्रभान नाम के किसान को 1990 में जीविका चलाने के लिए 10 बीघा ज़मीन पट्टे पर मिली थी, लेकिन 25 साल बाद भी उसे जमीन नहीं मिली।
चंद्रभान ने जिला अधिकारी को लिखित में दिया कि उसे जमीन नहीं मिली तो वह आत्महत्या कर लेगा। इसके बाद भी प्रशासन ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया।
इधर, प्रशासन ने मामले पर पर्दा डालने के लिए कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की और पीड़ित की मृत पत्नी का बिना पोस्टमॉर्टम कराए ही अंतिम संस्कार करा दिया।
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