फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
डोकलाम में चीन से जारी तनातनी के बीच सुरक्षाबलों ने साफ किया है कि इसको लेकर चीन ने ना तो सरहद पर कोई अपना जमावड़ा किया है और ना ही कोई मूवमेंट.. लिहाजा फिलहाल चीन के साथ जंग के कोई आसार नहीं है.
चीन के साथ भारत की 3,488 किलोमीटर की सीमा है. इस सरहद पर पिछले दो महीने से चीनी सेना की कोई असामान्य हरकत नहीं देखी गई है. भारत से लगी सीमा पर चीन के 15 से 16 डिवीज़न सेना तैनात है. एक डिवीज़न में 12 से 15 हजार जवान होते हैं. ये पहले से ही तैनात है.
मीडिया में जो चीन का सैन्य अभ्यास करते हुए वीडियो दिखाया जा रहा है, वो जून महीने का है. यही नहीं ये अभ्यास भारतीय सीमा से करीब 700 किलोमीटर दूरी पर हुआ था और ऐसा अभ्यास चीन साल 2009 से ही करता आ रहा है. मीडिया में फिलहाल इसको जारी करने के पीछे भारत पर मनोवैज्ञानिक दवाब बनाना है.
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डोकलाम में भारतीय सेना काफी मजबूत स्थिति में है, क्योंकि वो ऊंचाई में है. ऐसे इलाके में अगर लड़ाई होती है तो भारत के एक जवान के मुकाबले चीन को नौ जवान तैनात करने होंगे, तभी वो जीत सकता है.
चीन ने जी-20 समूह में शामिल कुछ देशों को भी इस गतिरोध के बारे में जानकारी दी...
भारत से लगती सीमा पर चीन के पांच ऑपरेशनल एयरफील्ड है, जबकि चार से पांच ऐसे लैडिंग स्ट्रीप हैं जो ऑपरेशनल क्षमता से लैस नहीं है. चीन से लगी सीमा पर भारत के अधिक जवान तैनात हैं, लेकिन चीन की सेना अगर त्सेंगपो नदी जो भारत में आकर ब्रह्मपुत्र नदी हो जाती है उस पर बने पुल को पार करती है तो यह भारत के लिए खतरा हो सकता है. यह भी भारतीय सीमा से 250 किलोमीटर की दूरी है. यहां भी चीनी सेना की कोई मूवमेंट नहीं है.
चीन के साथ भारत की 3,488 किलोमीटर की सीमा है. इस सरहद पर पिछले दो महीने से चीनी सेना की कोई असामान्य हरकत नहीं देखी गई है. भारत से लगी सीमा पर चीन के 15 से 16 डिवीज़न सेना तैनात है. एक डिवीज़न में 12 से 15 हजार जवान होते हैं. ये पहले से ही तैनात है.
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